
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लद्दाखी सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। उन्होंने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने कहा है कि सोनम को रासुका के तहत हिरासत में लेकर जोधपुर ले जाया जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने संबंधित हिरासत का आदेश नहीं दिया है। इसलिए यह हिरासत अवैध है और सोनम को रिहा किया जाना चाहिए।
लद्दाखी सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने उनकी नज़रबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। गीतांजलि ने सोनम की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि सोनम एक लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही थीं और उन पर झूठे आरोप लगाए गए। अब खबरें हैं कि उन्हें रासुका के तहत हिरासत में लेकर जोधपुर ले जाया गया है, लेकिन प्रशासन ने हिरासत आदेश उपलब्ध नहीं कराया है। इसलिए यह हिरासत अवैध है। सोनम को रिहा किया जाना चाहिए।
मैग्सेसे पुरस्कार विजेता पर्यावरण वैज्ञानिक सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख आंदोलन के एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं। यह आंदोलन लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा दिलाने की मांग कर रहा है। छठी अनुसूची में शामिल होने से इस क्षेत्र को स्थानीय संसाधनों पर अधिक अधिकार, सांस्कृतिक संरक्षण और एक स्वायत्त परिषद जैसी संवैधानिक गारंटी मिलती है।
धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल जैसे चल रहे विरोध प्रदर्शनों ने हाल ही में हिंसक रूप ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई। लद्दाख प्रशासन ने सोनम पर विदेशी ताकतों के लिए काम करने का आरोप लगाया है। उन्हें 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था। उन पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से संबंध रखने और विदेशों से अवैध चंदा लेने सहित कई आरोप हैं।
हाल ही में गीतांजलि आंगमो ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि सोनम और उनके संगठन, हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के खिलाफ एक सुनियोजित अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य छठी अनुसूची की मांग को कमज़ोर करना है। सोनम का पाकिस्तान दौरा एक पर्यावरण कार्यक्रम के लिए था। लद्दाख में मिले पाकिस्तानी एजेंट से उनका कोई संबंध नहीं है।