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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जारी तीन बड़े सर्वेक्षणों ने राज्य की राजनीति में भारी उथल-पुथल मचा दी है। इन सर्वेक्षणों में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर का अनुमान लगाया गया है, वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने भी कुछ क्षेत्रों में बढ़त बनाई है। जेवीसी सर्वेक्षण एनडीए को स्पष्ट बहुमत का अनुमान लगा रहा है, जबकि लोकपोल सर्वेक्षण महागठबंधन को सत्ता के करीब दिखा रहा है। 243 सीटों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए आवश्यक 122 सीटें हासिल करने की दौड़ में, तीनों सर्वेक्षणों के क्षेत्रीय आंकड़े संकेत देते हैं कि यह चुनाव बेहद अनिश्चित और कांटे का साबित हो सकता है।

जेवीसी और लोकपोल सर्वेक्षण: बहुमत के परस्पर विरोधी संकेत

बिहार चुनाव के संबंध में जेवीसी और लोकपोल सर्वेक्षण के निष्कर्ष विरोधाभासी संकेत दे रहे हैं, जिससे राजनीतिक दलों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।

जेवीसी सर्वे (एनडीए बहुमत का अनुमान): जेवीसी सर्वे के अनुसार, एनडीए गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है और वह 131 से 150 सीटें जीतकर सरकार बना सकता है। इसमें बीजेपी को 66-77 सीटें, जेडीयू को 52-58 सीटें और अन्य सहयोगियों को 13-15 सीटें मिलने का अनुमान है। महागठबंधन इस सर्वे में 81 से 103 सीटों पर सिमट जाएगा, जिसमें आरजेडी को 57-71 सीटें, कांग्रेस को 11-14 और अन्य सहयोगियों को 13-18 सीटें मिलने की संभावना है। प्रशांत किशोर की जन सूरज पार्टी 4-6 सीटें जीत सकती है।

लोकपोल सर्वे (महागठबंधन बहुमत का अनुमान): दूसरी ओर, लोकपोल सर्वे महागठबंधन को सत्ता के करीब दिखा रहा है, जो 118 से 126 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर सकता है। इस सर्वे में एनडीए को 105 से 114 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वोट प्रतिशत में भी महागठबंधन थोड़ा आगे है, जहाँ उसे 39-42% वोट मिलने का अनुमान है जबकि एनडीए को 38-41% वोट मिलने का अनुमान है।

एसेंडिया सर्वेक्षण: क्षेत्र विश्लेषण और प्रमुख चुनौतियाँ

एसेंडिया सर्वेक्षण में 18 जिलों और 9 प्रशासनिक इकाइयों से जानकारी एकत्रित की गई, जिससे क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग परिणाम सामने आए।

  • पूर्णिया क्षेत्र: इस क्षेत्र की 24 सीटों में से एनडीए को 12 सीटें, महागठबंधन को 7 सीटें और अन्य उम्मीदवारों को 5 सीटें मिलने की संभावना है ।
  • मगध प्रदेश: यहाँ 26 सीटें हैं जहाँ 31% अनुसूचित जाति और 10% मुस्लिम मतदाता हैं। इस क्षेत्र में महागठबंधन का पलड़ा भारी माना जा रहा है, जिसके 20 सीटें जीतने की उम्मीद है , जबकि भाजपा को 6 सीटें मिल सकती हैं ।
  • भोजपुर क्षेत्र: भोजपुकी 22 सीटों में से महागठबंधन को सबसे ज़्यादा 19 सीटें मिलने की संभावना है , जबकि एनडीए को सिर्फ़ 2 सीटें मिलने का अनुमान है । यहाँ जन सुराज अन्य उम्मीदवारों के मुक़ाबले सबसे मज़बूत स्थिति में है।
  • सारण प्रदेश: इस क्षेत्र की 24 सीटों में से महागठबंधन को 15 सीटें मिलने की संभावना है , जबकि एनडीए को 9 सीटें मिलने का अनुमान है ।

पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, फिर भी उसे सिर्फ़ 43 सीटें मिलीं थीं, जबकि बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 74 सीटों पर जीत हासिल की थी। ये आँकड़े बताते हैं कि बिहार में सत्ता का संघर्ष कभी भी पलट सकता है और अंतिम परिणाम एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर से तय होगा।