Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भागलपुर को स्मार्ट सिटी के बाद अब सैटेलाइट सिटी का भी बड़ा तोहफा मिल गया है। सदियों पुराने शहर से अलग एक बिल्कुल नया और आधुनिक भागलपुर बसाने की दिशा में पहल शुरू हो चुकी है। यह नया हिस्सा संकरी सड़कों, जाम, पेयजल संकट और सीवरेज की समस्याओं से पूरी तरह मुक्त होगा। माना जा रहा है कि नाथनगर के दोगच्छी और जगदीशपुर इलाके इस नई सिटी के लिए सबसे उपयुक्त स्थान हो सकते हैं।
सरकार की मंशा है कि इन नए क्षेत्रों को योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर ऐसा शहर बनाया जाए जो आने वाले कई दशकों तक सुविधाओं से भरपूर रहे। यानी भागलपुर में विकास का एक नया कॉरिडोर तैयार होगा, जहां लोगों को बेहतर और सुव्यवस्थित शहरी जीवन का अनुभव मिले।
नई सरकार ने मंगलवार को सूबे के नौ प्रमंडल मुख्यालयों के साथ सोनपुर और सीतापुरम में भी सैटेलाइट टाउनशिप और ग्रीन फील्ड टाउनशिप की योजना को मंजूरी दे दी है।
नए शहर की चर्चा कई सालों से जारी
भागलपुर की मौजूदा बसावट और बढ़ती समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए नई टाउनशिप बसाने का विचार लंबे समय से चल रहा था। पिछले एक साल से नाथनगर के दोगच्छी और जगदीशपुर इलाके में जमीन की तलाश जारी है। जमीन लीज पर न मिलने पर सरकार ने खरीदने की भी बात कही थी।
इसके लिए सर्वे भी जारी है। लोकसभा चुनाव के दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एयरपोर्ट परिसर में भी टाउनशिप की संभावना जताई थी। अब सरकार की मंजूरी के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि योजना कब और कैसे धरातल पर उतरती है। नया भागलपुर बसाने का सपना अब लोगों को और करीब लगता है।
अगले कदम क्या होंगे?
कैबिनेट की मंजूरी के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग तकनीकी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद कार्ययोजना तैयार करेगा। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी जो पूरी योजना के क्रियान्वयन की निगरानी करेगी।
जल्द ही विभिन्न विभागों, नगर निगम, शहरी विकास अभिकरण और जनप्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें संभावित स्थान, प्रोजेक्ट लागत, समय सीमा और क्रियान्वयन पर चर्चा होगी।
इसके बाद जिला प्रशासन उपयुक्त जमीन की तलाश करेगा और मास्टर प्लान और डीपीआर तैयार की जाएगी। इसके तहत प्लॉटिंग, सरकारी और निजी संस्थानों के लिए जगह, इंडस्ट्रियल- कमर्शियल जोन और अलग आवासीय क्षेत्र चिह्नित किए जाएंगे।
सैटेलाइट सिटी को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने की भी योजना है, ताकि निजी निवेश बढ़ सके और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी तैयार हों। शहर के व्यवसायियों और आम नागरिकों से सुझाव लेकर प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा।
योजना का उद्देश्य
कई प्रमंडल मुख्यालयों की आबादी और संरचना सौ से अधिक वर्षों पुरानी है। ऐसे में शहरों पर बोझ बढ़ता जा रहा है—चाहे बाजार हों, दफ्तर, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल या आवासीय इलाक़े। नतीजतन जाम, पार्किंग की समस्या, अतिक्रमण और सफाई की चुनौतियाँ तेज़ी से बढ़ती जा रही हैं।
सैटेलाइट सिटी का मकसद यही है कि मुख्य शहर पर दबाव कम किया जाए और लोगों को बेहतर विकल्प दिया जाए।
इस नई सिटी से क्या फायदे होंगे?
नए शहर में चौड़ी सड़कें, बेहतर ड्रेनेज, स्वच्छ पेयजल, पार्क, हरित क्षेत्र, सामुदायिक भवन, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और सुगठित परिवहन व्यवस्था होगी।
यदि योजना समय पर जमीन पर उतरती है तो आने वाले वर्षों में भागलपुर न सिर्फ भीड़ और अव्यवस्था से मुक्त होगा, बल्कि एक आधुनिक और सुव्यवस्थित सैटेलाइट सिटी के रूप में नई पहचान भी पाएगा।
सिल्क नगरी भागलपुर के लिए यह एक बड़ी और दूरगामी विकास यात्रा की शुरुआत मानी जा रही है।




