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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदल और इस्तीफों का दौर तेज़ हो गया है। अब इस सूची में एक और नाम जुड़ गया है। शेखपुरा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) की प्राथमिक सदस्यता और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।

शुक्रवार को शेखपुरा में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने साफ किया कि फिलहाल वे किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। उनकी प्राथमिकता स्थानीय मुद्दों को लेकर जन आंदोलन चलाने की होगी।

देवेंद्र कुशवाहा, रालोमो सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा के क़रीबी माने जाते हैं। उनके अचानक लिए गए फैसले को राजनीतिक हलकों में विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। चर्चा है कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। खास बात यह है कि उनकी पत्नी फिलहाल जिले के कसार पंचायत की मुखिया हैं और इलाके की राजनीति में उनका अच्छा असर माना जाता है।

बीजेपी को भी बड़ा झटका

इस्तीफों का सिलसिला यहीं नहीं रुका। अररिया जिले की नरपतगंज विधानसभा सीट से चार बार विधायक रह चुके जनार्दन यादव ने भी बीजेपी को अलविदा कह दिया। उनके कदम से पार्टी को बड़ा नुकसान माना जा रहा है।

इस्तीफे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है। चाहे थाना हो, प्रखंड कार्यालय या फिर कोई अन्य सरकारी दफ्तर—बिना रिश्वत कोई काम नहीं हो रहा। उनका आरोप है कि मौजूदा भाजपा विधायक जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे और सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप जैसा है।

जनार्दन यादव ने यह भी कहा कि पार्टी लगातार पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं की अनदेखी कर रही है। उनका कहना था कि आज भी इलाके की जनता उनसे समस्याएं लेकर आती है, लेकिन बिना “चढ़ावे” के किसी का काम नहीं हो रहा। इसी उपेक्षा और भ्रष्टाचार के माहौल से नाराज़ होकर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।