
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। ‘मिशन 60’ नामक इस अभियान के तहत जिले के हर विधानसभा क्षेत्र में उन 60 मतदान केंद्रों की पहचान की जा रही है, जहां पिछले चुनाव में 60% से कम वोटिंग हुई थी। ऐसे कुल 360 बूथों को चिह्नित कर लिया गया है, जहां मतदाताओं को जागरूक करने के लिए विशेष गतिविधियां चलाई जाएंगी।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को अधिक से अधिक संख्या में मतदान के लिए प्रेरित करना है। इसके लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, स्थानीय कलाकारों की भागीदारी, और क्षेत्रीय भाषाओं में संवाद जैसे विभिन्न प्रयास किए जाएंगे। निर्वाचन आयोग ने हाल ही में राज्यस्तरीय बैठक में इस योजना पर चर्चा की, जिसमें स्वीप और मीडिया नोडल अधिकारियों ने भाग लिया।
स्वीप (Systematic Voters’ Education and Electoral Participation) योजना के तहत 'मिशन 60' पर काम जोरों पर है। साथ ही, मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की तैयारियों पर भी जोर दिया जा रहा है। मतदाताओं को वैकल्पिक पहचान पत्रों की जानकारी देने के अलावा, उनके बीच मतदाता पहचान और अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए रणनीतियां तैयार की जा रही हैं।
जिले के स्वीप नोडल पदाधिकारी व डीआरडीए निदेशक राकेश कुमार चौबे ने बताया कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विस्तृत और तिथिवार योजना तैयार कर ली गई है। फिलहाल जिले में मतदाता जागरूकता अभियान तेजी से चलाया जा रहा है।
इस बीच, जिले में ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) भी जोर-शोर से जारी है। सदर प्रखंड कार्यालय के पास बने वेयरहाउस में ECIL के इंजीनियर कुल 4064 बैलेट यूनिट, 3303 कंट्रोल यूनिट और 3551 वीवीपैट की जांच कर रहे हैं। जो मशीनें जांच में सही पाई जाएंगी, उनका उपयोग विधानसभा चुनाव में किया जाएगा।
जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी पवन कुमार सिन्हा समय-समय पर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एफएलसी कार्यों का निरीक्षण भी कर रहे हैं। निर्वाचन शाखा ने बताया कि 23 जून तक सभी मशीनों की जांच पूरी होने की संभावना है।