
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देश में फैटी लिवर के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इस बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद में बताया कि सभी राज्यों को लोगों की स्क्रीनिंग करने और फैटी लिवर की पहचान करने को कहा गया है। नड्डा ने बताया कि सरकार ने इसके लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य लोगों को फैटी लिवर के बारे में जानकारी देना और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है। अब इस बीमारी को मेटाबोलिक डिसफंक्शन एसोसिएटेड फैटी लिवर डिजीज (MAFLD) कहा जाता है, जिसे पहले नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) कहा जाता था। यह तब होता है जब लिवर में अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है। इसका संबंध मोटापे, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों से है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत, फैटी लिवर की रोकथाम और प्रबंधन के लिए स्वस्थ आहार, दैनिक व्यायाम, वज़न नियंत्रण और अतिरिक्त चीनी के सेवन से परहेज़ को ज़रूरी माना गया है। राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि डॉक्टर दिशानिर्देशों के अनुसार जाँच करें और ज़रूरत पड़ने पर मरीज़ को उचित उपचार प्रदान करें।
शोध में चौंकाने वाले नतीजे
नड्डा ने संसद में दो प्रमुख अध्ययनों के नतीजे भी पेश किए। पहला अध्ययन नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में 2025 में प्रकाशित हुआ था। इसमें हैदराबाद के 345 आईटी कर्मचारियों को शामिल किया गया था। रिपोर्ट में पाया गया कि 34 प्रतिशत कर्मचारियों को मेटाबॉलिक सिंड्रोम और 84 प्रतिशत कर्मचारियों को फैटी लिवर की समस्या थी। यानी आईटी सेक्टर में यह समस्या बेहद आम है।
आईसीएमआर द्वारा एक और अध्ययन किया गया। इसमें राजस्थान के कई गाँवों में लिवर की बीमारी, मधुमेह और रक्तचाप का खतरा पाया गया। पाया गया कि लगभग 37 प्रतिशत लोगों में फैटी लिवर की समस्या थी, और यह समस्या पुरुषों में ज़्यादा आम थी। यह खतरा उन लोगों में ज़्यादा पाया गया जो हफ़्ते में एक बार फ़ास्ट फ़ूड खाते थे।
सरकार क्या कर रही है?
नड्डा ने कहा कि सरकार मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर रही है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य मंत्रालय समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चला रहा है।
FSSAI सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को लिवर से जुड़ी जानकारी दे रहा है।खेल मंत्रालय और आयुष मंत्रालय द्वारा फिट इंडिया मूवमेंट और योग संबंधी गतिविधियाँ लगातार चलाई जा रही हैं, ताकि लोग स्वस्थ रहें।
सावधानी क्यों आवश्यक है?
डॉक्टरों का कहना है कि अगर फैटी लिवर की समय पर रोकथाम नहीं की गई, तो इससे लिवर फेलियर, डायबिटीज़ और हृदय रोग हो सकते हैं। इसलिए, रोज़ाना व्यायाम, स्वस्थ आहार और नियमित जाँच बेहद ज़रूरी है।