Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लंबे समय के बाद बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक बार फिर अंचलाधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों को यह स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि वे केवल अपने निर्धारित कार्यालय से ही जनता से मिलें।
विभाग के सचिव जय सिंह ने शनिवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा कि कई शिकायतों में सामने आया है कि कुछ कर्मचारी अपने निर्धारित कार्यालयों के बाहर निजी जगहों पर छद्म कार्यालय चला रहे हैं। इसका गलत फायदा उठाकर कुछ लोग लैपटॉप और डोंगल का दुरुपयोग कर निजी दलालों के लिए काम कर रहे हैं और आवेदकों से अवैध वसूली कर रहे हैं।
सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे नियमित औचक निरीक्षण करें और डीसीएलआर, एसडीओ और एडीएम के माध्यम से सख्त मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें।
पत्र में यह भी कहा गया है कि राजस्व कर्मचारियों की सूची अंचल कार्यालयों और पंचायत भवनों में नाम और नंबर के साथ प्रदर्शित हो, ताकि कोई भी अधिकारी निर्धारित स्थल से बाहर कार्य न कर सके। अगर किसी कर्मचारी को एक से अधिक हलके का प्रभार मिला है, तो उसके लिए रोस्टर तैयार किया जाए ताकि हर स्थान पर काम सुचारु रूप से चलता रहे।
सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि सभी अंचलाधिकारी लिखित रिपोर्ट दें कि किसी भी हलके में समानांतर कार्यालय संचालित नहीं हो रहा है।
बिहार सरकार ने पंचायत भवनों को गांव के प्रशासनिक केंद्र के रूप में विकसित किया है। अब राजस्व कार्य केवल निर्धारित कार्यालय से ही संचालित होंगे। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा कार्यालय व्यवस्था में गड़बड़ी, निजी हस्तक्षेप या अवैध वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिले के पदाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जनता को सभी सुविधाएँ समय पर और बिना परेशानी के मिले। अगर कोई अनियमितता पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
— विजय कुमार सिन्हा, उप मुख्यमंत्री एवं भूमि सुधार मंत्री, बिहार




