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मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार इस मंदिर के विकास पर लगातार काम कर रही है। मंदिर के पास पहले 17 एकड़ भूमि थी, अब अतिरिक्त 50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिससे विकास कार्यों में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी। कुल 883 करोड़ की धनराशि मंदिर के समग्र विकास के लिए दी जाएगी।
यह निवेश मंदिर के सभी विकास कार्यों के लिए उपयोग होगा और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं बनाई जाएंगी। मंदिर के विकास के अलावा राज्य में अन्य विकास कार्यों और केंद्र सरकार की मदद के बारे में भी सीएम ने विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि 2005 में जब एनडीए की सरकार बिहार में आई थी, तब कोई खास विकास नहीं हुआ था। कानून व्यवस्था खराब थी, सड़कें नहीं थीं और आवागमन के साधन भी सीमित थे। तब से एनडीए सरकार ने राज्य में बुनियादी संरचना, सड़क संपर्क और सुविधाओं का विकास किया है।
सीएम ने यह भी कहा कि वृद्धों और दिव्यांगजनों की पेंशन बढ़ा दी गई है और बिजली अब मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही है। केंद्र सरकार बिहार के विकास में पूर्ण सहयोग कर रही है।
2024 में केंद्र सरकार ने बिहार को सड़क, पर्यटन और बाढ़ नियंत्रण के लिए सबसे अधिक राशि प्रदान की है। फरवरी 2025 में मखाना बोर्ड की स्थापना की गई, जिससे मिथिलांचल के किसानों को फायदा होगा। साथ ही, खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे आयोजन बिहार के युवाओं और खेल क्षेत्र के विकास में मददगार साबित होंगे।
 
                     
                      
                                         
                                 
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