Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे, तो उनका एक अलग ही अंदाज़ देखने को मिला। उन्होंने सर्किट हाउस में "प्रकृति की ओर लौटो" अभियान के तहत आयोजित एक खुली कक्षा में छात्रों और ग्रामीणों के बीच शिक्षक की भूमिका संभाली। मुख्यमंत्री ने सिर्फ संबोधन नहीं दिया, बल्कि सीधे बच्चों से मुखातिब होकर उन्हें पर्यावरण संरक्षण का अनमोल पाठ पढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने बच्चों और बड़ों, दोनों को प्रकृति से जुड़ने का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन पंच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) से मिलकर बना है, और इन सभी का संतुलन बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। योगी आदित्यनाथ ने जल संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और बताया कि कैसे हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचा सकते हैं। उन्होंने तालाबों और पोखरों को पुनर्जीवित करने की बात भी की, जो जल संचयन के प्राकृतिक स्रोत हैं।
वायु प्रदूषण एक गंभीर चुनौती है, जिस पर सीएम योगी ने ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने सबको अधिक से अधिक पेड़ लगाने और प्लास्टिक का उपयोग कम करने की अपील की। उनका संदेश साफ था - हम जितना प्रकृति के करीब रहेंगे, उतना ही हमारा जीवन स्वस्थ और खुशहाल रहेगा।
इस अवसर पर, सीएम योगी ने 'ग्रामीण उत्थान समिति' के इस अनोखे अभियान की सराहना की और कहा कि यह एक ऐसा प्रयास है जो लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेगा। उन्होंने सबका आह्वान किया कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएं, क्योंकि यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री के इस 'गुरुजी' अवतार ने न केवल बच्चों को प्रेरित किया, बल्कि सबको पर्यावरण के प्रति अपनी सोच बदलने और उसे बेहतर बनाने का एक सकारात्मक संदेश भी दिया।
                    
                      
                                         
                                 
                                    



