
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार की राजनीतिक और शैक्षणिक गलियारों में इस समय हलचल का माहौल है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भागलपुर आगमन की संभावित तिथि 20 अगस्त के आसपास (19 से 21 अगस्त के बीच) मानी जा रही है, जिसके लिए विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गए हैं। इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) में शहीद तिलकामांझी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण करेंगी, साथ ही विक्रमशिला विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक पुरातात्विक स्थल का भी दौरा करेंगी। विश्वविद्यालय के कुलपति लगातार राष्ट्रपति भवन के संपर्क में हैं, और जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को सुरक्षा, मरम्मत और स्वागत की तैयारियों को प्राथमिकता देने का निर्देश जारी किया है।
TMBU में घमासान: गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति SC आयोग तक पहुँची!
दूसरी ओर, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में नियुक्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। गेस्ट फैकल्टी के रूप में कार्यरत डॉ. रवीन्द्र कुमार राम को असिस्टेंट प्रोफेसर की पोस्टिंग के लिए पद से हटा दिए जाने के बाद, उन्होंने विश्वविद्यालय पर आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। सोशियोलॉजी विभाग में 11 गेस्ट फैकल्टी में से केवल दो का चयन बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर हुआ, जबकि शेष नौ (जिनमें डॉ. राम भी शामिल हैं) अनुसूचित जाति (SC) से नहीं हैं। डॉ. राम ने इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) से की है। आयोग ने TMBU से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 30 दिनों के अंदर सौंपने का निर्देश दिया है, जिसके बाद मामले की जांच आयोग अपने स्तर से करेगा। यह स्थिति विश्वविद्यालय की भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और आरक्षण नियमों के अनुपालन पर सवाल खड़े करती है।