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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन के नाम की घोषणा कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह की स्वीकृति के बाद इस नाम पर मुहर लग गई है। उनके नामांकन के पीछे आरएसएस से उनका पुराना जुड़ाव और राजनीतिक व प्रशासनिक अनुभव मुख्य कारण माने जा रहे हैं। महाराष्ट्र का राज्यपाल बनने से पहले, वह झारखंड के राज्यपाल और तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके थे। आइए उनके व्यक्तित्व और राजनीतिक सफर पर एक नज़र डालते हैं।
राजनीतिक यात्रा और महत्वपूर्ण पद
चंद्रपुरम पोन्नुस्वामी राधाकृष्णन, जिन्हें सी.पी. राधाकृष्णन के नाम से जाना जाता है, ने 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया। इससे पहले, वह वर्ष 2023 में झारखंड के राज्यपाल बने थे और वहां उन्होंने मात्र चार महीने की छोटी सी अवधि में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया और नागरिकों तथा अधिकारियों से सीधा संवाद किया।
झारखंड के राज्यपाल बनने से पहले, उन्होंने 2004 से 2007 तक तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस दौरान, उन्होंने भारतीय नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने, अस्पृश्यता उन्मूलन और नशीली दवाओं की समस्या से निपटने जैसी मांगों को लेकर 93 दिनों की 19,000 किलोमीटर लंबी 'रथ यात्रा' निकाली। उन्होंने अन्य मुद्दों पर दो पदयात्राओं का भी नेतृत्व किया, जिसने उन्हें तमिलनाडु की राजनीति में एक प्रतिष्ठित नाम बना दिया।
संघ के साथ संबंध और आधारभूत कार्य
सी.पी. राधाकृष्णन का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से बहुत पुराना और गहरा नाता रहा है। वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे, जिससे पता चलता है कि वे बहुत कम उम्र से ही राष्ट्रवाद की विचारधारा से जुड़े हुए थे। 1996 में, उन्हें तमिलनाडु भाजपा का सचिव नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम किया।
वह कोयंबटूर से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए, पहली बार 1998 में और दूसरी बार 1999 में। तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन के पास बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री है।
राजनीति से बाहर की उपलब्धियाँ
अपने राजनीतिक सफ़र के अलावा, राधाकृष्णन खेल जगत में भी काफ़ी सक्रिय रहे हैं। कॉलेज के दिनों में वे टेबल टेनिस चैंपियन और लंबी दूरी के धावक थे। इसके अलावा, उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक़ है। वे स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जाँच करने वाली संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी रह चुके हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होगा। चुनाव आयोग द्वारा जारी सूचना के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है और दस्तावेजों का सत्यापन 22 अगस्त को किया जाएगा।