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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग में इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को नया झटका लगा है। यह झटका कनाडा ने दिया है। गाजा युद्ध और मानवीय संकट के बीच कनाडा ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देगा। यह घोषणा कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने विदेश मंत्री अनीता आनंद के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए की। फ्रांस और ब्रिटेन के बाद इजरायल को यह तीसरा झटका है। इजरायल को लगातार दूसरे दिन यह झटका लगा है। क्योंकि एक दिन पहले ही ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को मान्यता देने के अपने फैसले के बारे में दुनिया को बताया था। मार्क कार्नी ने कहा था, 'कनाडा दो-राज्य समाधान का पक्षधर रहा है। हम इजरायल के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में एक स्वतंत्र, व्यवहार्य और संप्रभु फिलिस्तीनी राज्य देखना चाहते हैं।' इस घोषणा से पहले फ्रांस और ब्रिटेन भी संकेत दे चुके हैं कि वे फिलिस्तीन को मान्यता देंगे। ब्रिटेन ने साफ तौर पर कहा है कि अगर इजरायल गाजा में युद्धविराम के लिए राजी नहीं होता है तो वह भी फिलिस्तीन को मान्यता देगा।

फ़िलिस्तीनी चुनाव 2026 में होंगे

प्रधानमंत्री कार्नी ने कहा कि फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने उनसे वादा किया है कि फ़िलिस्तीन में बहुप्रतीक्षित चुनाव 2026 में होंगे और इन चुनावों में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी। इसके अलावा, अब्बास ने यह भी आश्वासन दिया कि फ़िलिस्तीन का भविष्य 'विसैन्यीकरण' होगा। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब गाजा में संघर्ष, भुखमरी और सहायता की कमी वैश्विक चिंता का विषय बन रही है। कार्नी ने कहा, "इज़राइल की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। लेकिन दीर्घकालिक शांति के लिए एक स्थिर और वैध फ़िलिस्तीनी राज्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है।"

कनाडा के फैसले पर इज़राइल की प्रतिक्रिया

इज़राइल ने कनाडा के रुख पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इज़राइली विदेश मंत्रालय ने इसे 'हमास के लिए इनाम' बताया और कहा कि यह फैसला गाज़ा में युद्धविराम के प्रयासों को नुकसान पहुँचाएगा। कनाडा में इज़राइली राजदूत इद्दो मोएद ने सोशल मीडिया पर लिखा, "अंतर्राष्ट्रीय दबाव का हम पर कोई असर नहीं होगा। हम अपने अस्तित्व को दांव पर नहीं लगा सकते।"

गाजा में मानवीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार को उत्तरी गाजा में सहायता मांगने पहुँच रहे लोगों पर गोलीबारी की गई, जिसमें कम से कम 60 लोग मारे गए और 600 घायल हुए। हालाँकि, इज़राइली सेना ने इस घटना की किसी भी जानकारी से इनकार किया है और कहा है कि वह इसकी जाँच कर रही है।