Prabhat Vaibhav,Digital Desk : चमोली जिले में इन दिनों मौसम तो साफ है, लेकिन सितंबर की बारिश ने ग्रामीण इलाकों की सड़कें बुरी तरह नुकसान पहुँचाया है। जिले के करीब 25 ग्रामीण लिंक मार्ग अभी भी बंद हैं, जिससे सौ से अधिक गांवों में आवाजाही प्रभावित हो रही है। सड़कें ही ऐसी स्थिति में हैं, तो पैदल रास्तों का हाल और भी चिंताजनक है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बंद होने की सबसे बड़ी परेशानी रसोई गैस की हो रही है। गांवों में लकड़ी के चूल्हे का विकल्प तो मौजूद है, लेकिन बारिश के समय लकड़ी गीली हो जाती है और जंगल के रास्ते भी खराब हो गए हैं। निजमुला घाटी, कलगोट घाटी और डुंगरी क्षेत्र जैसे कई इलाकों में मोटर मार्ग बंद होने की वजह से रसोई गैस की कमी महसूस की जा रही है। बीमार मरीजों को अब मीलों पैदल चलकर अस्पताल पहुंचना पड़ रहा है। फिलहाल सड़कों को खोलने के लिए आवश्यक मशीनों और संसाधनों की कमी बनी हुई है।
हेली सेवा से राहत
थराली विकासखंड के डुंगरी क्षेत्र में बीमार बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को सड़क मार्ग तक पहुंचाना चुनौती बन गया है। हाल ही में डुंगरी गांव की शांति देवी नामक बीमार महिला को हेली सेवा के माध्यम से एम्स ऋषिकेश भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
वर्तमान में चमोली जिले में बारिश के कारण बंद 25 ग्रामीण लिंक मार्गों को खोलने का कार्य जारी है। गांवों में खाद्यान्न सामग्री पहुँचाई जा चुकी है और आपदा प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
– नंदकिशोर जोशी, जिला आपदा अधिकारी, चमोली

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