
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रयागराज में इन दिनों संगम तट पर नदियों का मिजाज कुछ अजीब ही संकेत दे रहा है। जहां मोक्षदायिनी मां गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है, वहीं उनकी प्रमुख सहायक यमुना नदी में तेजी से उफान आ रहा है। यह असामान्य स्थिति खासकर उन लाखों श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है, जो नदी किनारे या निचले इलाकों में रहते हैं।
बीते 24 घंटों के आंकड़ों को देखें तो फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 81.68 मीटर से घटकर 81.39 मीटर, छतनाग में 80.12 मीटर से घटकर 79.91 मीटर और नैनी में 79.08 मीटर से कम होकर 78.96 मीटर दर्ज किया गया है। स्पष्ट है कि गंगा नदी में अब फैलाव कम हुआ है, जिससे संगम और रामघाट जैसे प्रमुख घाटों पर आवाजाही थोड़ी सामान्य हुई है।
हालांकि, तस्वीर का दूसरा पहलू यमुना नदी है, जो अब रौद्र रूप दिखा रही है। नैनी स्थित पुल के पास यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ते हुए 78.36 मीटर से बढ़कर 78.96 मीटर पर पहुंच गया है। यमुना का यह अचानक बढ़ाव चंबल, बेतवा और धौलपुर जैसी नदियों में लगातार हुई भारी बारिश और वहां स्थित बांधों - विशेषकर माताटीला और कोटा बैराज से बड़े पैमाने पर छोड़े गए पानी के कारण है। इन बांधों से छोड़ा गया पानी प्रयागराज में यमुना के बढ़ते जलस्तर का मुख्य कारण है।
यमुना के इस तेज प्रवाह का सीधा असर पवित्र संगम क्षेत्र पर पड़ना शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि अगर यमुना का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो बाढ़ का खतरा निचले इलाकों में मंडरा सकता है। स्थानीय प्रशासन दोनों नदियों के जलस्तर पर पैनी नजर रख रहा है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। श्रद्धालुओं और निवासियों को सावधानी बरतने और नदी के किनारे अनावश्यक भीड़ न लगाने की सलाह दी गई है।