
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा को उनके पसंदीदा रंग और चीजें अर्पित करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं और खुशियों का आगमन होता है. जानिए इसके बारे में

नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान देवी को पीले रंग के वस्त्र, फूल और मिठाई अर्पित करनी चाहिए। शास्त्रों में इसे शुभ माना गया है। इस रंग के वस्त्र पहनने से दिन ऊर्जा से भरा रहता है और जीवन में नए अवसर और आर्थिक लाभ प्राप्त होते हैं।

नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस स्वरूप को तप और संयम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन देवी का हरे रंग की वस्तुओं से श्रृंगार करें। देवी के इस स्वरूप की पूजा करने से जीवन में शांति आती है।

तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा में पीले और हरे रंग का संयोजन अत्यंत शुभ माना जाता है। यह रंग संयोजन साधक को साहस और आत्मविश्वास प्रदान करता है तथा जीवन में संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।

चौथे दिन कुष्मांडा माताजी की पूजा की जाती है। कुष्मांडा माता की पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है।

पाँचवें दिन स्कंधमाता की पूजा करने का विधान है। पूजा में सफेद रंग का विशेष महत्व है। सफेद वस्त्र पहनें और देवी को सफेद फूल चढ़ाएँ।

छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा करने का विधान है। इस दिन देवी को लाल पुष्प अर्पित करें और लाल वस्त्र धारण करें।

सातवें दिन कालरात्रि की पूजा की जाती है। इनकी पूजा में नीले रंग का विशेष महत्व है। यह रंग नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है।

आठवें दिन गुलाबी रंग से देवी महागौरी की पूजा करना शुभ माना जाता है। गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और सकारात्मकता का प्रतीक है।

नवरात्रि के अंतिम दिन देवी सिद्धदात्री की पूजा करने का विधान है। यह रंग आध्यात्मिक उन्नति का भी प्रतीक है। इस दिन माता को बैंगनी रंग के फूल अर्पित करें। माता के इस स्वरूप की पूजा करने से माता कार्यों में सफलता का आशीर्वाद देती हैं।