Prabhat Vaibhav,Digital Desk : औरंगाबाद शहर के लिए प्रस्तावित फोरलेन बाईपास का निर्माण फिलहाल ठहराव पर है। यह बाईपास एनएच-139 के खैरी से मंजूराही, रायपुरा होते हुए पवई गांव के पहाड़ी क्षेत्र तक लगभग 10 किलोमीटर लंबा बनाया जाना था।
राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग (एनएच) ने इस बाईपास के लिए लगभग 835 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार कर एनएचएआई, नई दिल्ली को भेजी थी। इसमें करीब 490 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण और 345 करोड़ रुपये सड़क निर्माण पर खर्च का अनुमान था।
लेकिन, जमीन अधिग्रहण की अधिक लागत को देखते हुए एनएचएआई ने फिलहाल इस बाईपास निर्माण पर रोक लगा दी है। अधिकारियों के अनुसार, अधिग्रहण पर खर्च निर्माण लागत से अधिक होने के कारण पूर्व डीपीआर को रद कर दिया गया है।
एनएच विभाग को कम लागत वाला नया एलाइनमेंट तैयार करने को कहा गया है। इसके लिए विभाग ने जमीन सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सर्वे में विशेष ध्यान ग्रामीण भूमि पर दिया जा रहा है, ताकि अधिग्रहण की प्रति डिसमिल दर कम रखी जा सके।
सर्वे कार्य कंसल्टेंसी एजेंसी के जिम्मे हैं, जो संभावित जमीन की प्रकृति, मूल्य और क्षेत्रीय प्रभाव का आकलन कर रही है। संभावना है कि नया एलाइनमेंट पुराने की तुलना में लंबा हो सकता है, ताकि घनी आबादी और महंगी भूमि से बचते हुए सड़क निर्माण किया जा सके।
एनएच के कार्यपालक अभियंता तुलसी प्रसाद ने बताया कि पूर्व एलाइनमेंट में भूमि अधिग्रहण की लागत अधिक थी, जिसके कारण बाईपास निर्माण पर बाधा आई। इसलिए एनएचएआई ने दूसरा एलाइनमेंट बनाने का प्रस्ताव दिया।
एनएचएआई ने दूसरे एलाइनमेंट के लिए जमीन सर्वे कार्य शुरू कर दिया है। वहीं, दाउदनगर और अरवल फोरलेन बाईपास के लिए निविदा प्रक्रिया भी आगे बढ़ाई जा रही है। नए एलाइनमेंट के अंतिम चयन के बाद ही औरंगाबाद बाईपास निर्माण पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।




