img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अब उत्तराखंड में वित्तीय धोखाधड़ी और कर चोरी जैसे मामलों की जांच और भी तेज़ हो सकेगी। राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य कर विभाग के अधीन डिजिटल फॉरेंसिक लेबोरेटरी की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इस प्रयोगशाला की मदद से दस्तावेजों की हेराफेरी, फर्जीवाड़े और टैक्स फ्रॉड जैसे मामलों में तुरंत साक्ष्य जुटाए जा सकेंगे। इससे न सिर्फ कर विभाग को मदद मिलेगी, बल्कि इनकम टैक्स और सीजीएसटी विभाग भी लाभान्वित होंगे।

आर्थिक अपराधों की जांच होगी आसान

प्रदेश में बीते कुछ समय से टैक्स चोरी, फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए रजिस्ट्री और स्टांप ड्यूटी चोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं। इन अपराधों की जांच के लिए विभाग अब तक पुलिस विभाग पर निर्भर था, लेकिन पुलिस के पास पहले से कई मामले लंबित रहते हैं, जिससे वित्तीय मामलों की जांच धीमी हो जाती थी।

अब कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद राज्य कर विभाग अपनी ही लैब में डिजिटल सबूत इकट्ठा कर पाएगा और पुराने डेटा को रिकवर करके विश्लेषण कर सकेगा।

वित्त विभाग का पुनर्गठन और सतर्कता विभाग में पदों की वृद्धि

सरकार ने उत्तराखंड वित्त सेवा संवर्ग के ढांचे का पुनर्गठन करने का भी निर्णय लिया है। हालांकि पदों की कुल संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन उन्हें कार्य की ज़रूरत के अनुसार पुनः श्रेणीबद्ध किया जाएगा।

इसके अलावा सतर्कता विभाग में भी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई गई है। पहले यहां 132 पद थे, अब 20 नए पदों को जोड़ते हुए कुल 152 पद स्वीकृत किए गए हैं।

विवाह पंजीकरण नियमों में ढील

समान नागरिक संहिता के तहत अब विवाह पंजीकरण के समय विवाह का फोटो लगाना अनिवार्य नहीं रहेगा। साथ ही शादी का कार्ड लगाना भी जरूरी नहीं होगा। यह नियम 27 जनवरी 2025 से पहले हुए विवाहों के लिए पंजीकरण शुल्क माफ करने के साथ लागू किया गया है। यह विषय कैबिनेट में बुधवार को संज्ञान के रूप में रखा गया।