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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पटना में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा में हलचल उस समय बढ़ गई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार की उपलब्धियों और प्राथमिकताओं का विस्तृत जवाब पेश किया। मुख्यमंत्री ने भाजपा-जदयू गठबंधन सरकार की नीतियों, विकास योजनाओं और प्रशासनिक सुधारों को विस्तार से बताया, लेकिन विपक्ष को संशोधन प्रस्ताव पर बोलने का अवसर नहीं मिलने से विरोधाभास पैदा हुआ।

विपक्ष की नाराज़गी और वाकआउट
सभापति ने बताया कि विपक्ष द्वारा लाए गए संशोधन प्रस्तावों को समेकित रूप से स्वीकार किया गया है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बोलने का अवसर दिया जाएगा। इस निर्णय पर आरजेडी विधायकों ने आपत्ति जताई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार और आसन ने उन्हें संसदीय परंपरा के विपरीत बोलने का मौका नहीं दिया।

नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के नेतृत्व में विपक्ष ने पूरी तरह सदन से वाकआउट किया। सदस्यों ने बाहर जाते हुए सरकार पर एकतरफा बहस करने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री ने पेश किया अपना पक्ष
सदन में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभिभाषण की पैरवी करते हुए सरकार की प्राथमिकताओं, विकास योजनाओं और प्रशासनिक सुधारों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार सुशासन और लोककल्याण के एजेंडे पर पूरी मजबूती से काम कर रही है।

संसदीय कार्रवाई और परिणाम
विपक्ष के वाकआउट के बाद, संशोधन प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिया गया। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर लाया गया धन्यवाद प्रस्ताव बहुमत से पारित कर लिया गया।

इस तरह, अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष की नाराज़गी, वाकआउट और मुख्यमंत्री के जवाब के साथ विधानसभा की कार्यवाही समाप्त हुई।