
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लिवर हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, पाचन और ऊर्जा भंडारण जैसे कई कार्य करता है। लिवर की कार्यप्रणाली बिगड़ने पर शरीर हमें कुछ स्पष्ट संकेत देता है, खासकर आँखों, हाथों और पैरों में। अगर आपकी आँखों का सफेद भाग पीला पड़ गया है, हथेलियों पर लाल धब्बे हैं, या पैरों और पंजों में सूजन है, तो यह लिवर की गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है। समय रहते इन लक्षणों को पहचानकर और डॉक्टरी सलाह लेकर गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
अगर आपकी आँखें पीली पड़ रही हैं, हथेलियों पर लाल निशान पड़ रहे हैं, और पैरों व उंगलियों में सूजन है, तो ये लिवर की समस्या के संकेत हैं। डॉ. शाइस्ता खान के अनुसार, पेट दर्द, भूख न लगना, जी मिचलाना, गहरे रंग का पेशाब, मांसपेशियों में कमज़ोरी और नींद के पैटर्न में बदलाव जैसे लक्षण भी लिवर खराब होने के संकेत हैं। अगर आपको ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और लिवर फंक्शन टेस्ट ( LFT ) करवाएँ ताकि शुरुआती दौर में ही इलाज शुरू किया जा सके।
शरीर के विभिन्न भागों में दिखाई देने वाले लक्षण:
- आँखें और त्वचा: अगर आपकी आँखों और त्वचा का सफ़ेद भाग पीला पड़ने लगे, तो यह पीलिया है, जो लिवर खराब होने का सबसे बड़ा संकेत है। लिवर खराब होने से रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे यह रंग दिखाई देता है।
- हाथ और हथेलियाँ: हथेलियों पर लाल धब्बे या धब्बे भी गंभीर लिवर रोग का लक्षण हो सकते हैं। इस स्थिति को पामर एरिथेमा कहते हैं, जो लिवर सिरोसिस जैसी बीमारियों में आम है।
- पैर और उँगलियाँ: अगर आपके पैरों, उँगलियों और टखनों में लगातार सूजन रहती है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। लिवर की क्षति शरीर में प्रोटीन के स्तर में गिरावट का कारण बन सकती है, जिससे तरल पदार्थ जमा हो सकता है। इस स्थिति को एडिमा कहते हैं।
डॉक्टर की सलाह और अन्य लक्षण
डॉ. शाइस्ता खान के अनुसार, लिवर की समस्याओं के कई अन्य लक्षण भी हो सकते हैं:
- पेट दर्द: पेट के ऊपरी हिस्से में लंबे समय तक दर्द और सूजन रहना।
- पाचन संबंधी समस्याएं: भूख न लगना, लगातार मतली आना, या बार-बार उल्टी आना।
- मूत्र का रंग: मूत्र का रंग गहरा पीला हो जाता है।
- मांसपेशियाँ और नींद: लगातार मांसपेशियों में कमज़ोरी और थकान। इसके अलावा, नींद के पैटर्न में बदलाव भी लिवर की समस्याओं का संकेत हो सकता है।
कब परीक्षण करवाएं ?
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो बिना देर किए तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी), अल्ट्रासाउंड और अन्य ज़रूरी जाँचों के ज़रिए इसका निदान कर सकते हैं। समय पर निदान और इलाज से लिवर को और ज़्यादा नुकसान से बचाया जा सकता है।
निवारक उपाय
- शराब और तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहें: ये दोनों चीजें लीवर पर सबसे अधिक दबाव डालती हैं।
- स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम: फल, सब्जियां और पर्याप्त पानी का सेवन करें।
- नियमित जांच: नियमित जांच करवाएं, विशेषकर यदि आपमें कोई जोखिम कारक हो।
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें: कई दवाओं का लीवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।