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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : क्या आपने कभी सोचा है कि अचानक बोलने में दिक्कत, चक्कर आना या शरीर के किसी हिस्से में सुन्नपन महसूस होना सिर्फ थकान का ही संकेत नहीं बल्कि किसी गंभीर खतरे का भी संकेत हो सकता है? ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है जो किसी की जिंदगी मिनटों में बदल सकती है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि हमारा शरीर समय रहते कुछ संकेत जरूर देने लगता है, बस हमें उन्हें पहचानने और समय रहते उचित कदम उठाने की जरूरत है। हम अक्सर अपने स्वास्थ्य के संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके घातक परिणाम हो सकते हैं। ब्रेन स्ट्रोक भी उन्हीं खतरनाक स्थितियों में से एक है, जिसे समय रहते पहचान लिया जाए तो बचा जा सकता है।

चेहरे का एक हिस्सा झुक जाता है या विकृत हो जाता है 
अगर किसी का चेहरा अचानक एक तरफ झुकने लगे या मुस्कुराते समय एक तरफ की मुस्कान गायब हो जाए, तो यह ब्रेन स्ट्रोक का पहला लक्षण हो सकता है। यह चेहरे की मांसपेशियों पर नियंत्रण खोने का संकेत देता है।

हाथों या पैरों में अचानक कमज़ोरी या सुन्नपन

स्ट्रोक से पहले अक्सर शरीर के किसी हिस्से, खास तौर पर हाथ या पैर में अचानक कमजोरी, सुन्नपन या अस्थिरता महसूस होती है। अगर ये लक्षण अचानक दिखें, तो इन्हें नज़रअंदाज़ न करें।

बोलने या समझने में कठिनाई

शब्दों का सही उच्चारण न कर पाना, किसी की बात को समझ न पाना या खुद को सही तरीके से व्यक्त न कर पाना स्ट्रोक का एक प्रमुख लक्षण है। यह मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति में व्यवधान के कारण होता है।

अचानक तेज सिरदर्द और चक्कर आना

यदि आपको बिना किसी कारण के तेज सिरदर्द, चक्कर आना या बेहोशी महसूस हो, तो यह स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है, खासकर यदि इसके साथ अन्य लक्षण भी हों।

एक आँख में अचानक धुंधलापन या दृष्टि का नष्ट हो जाना

स्ट्रोक से आंखें भी प्रभावित हो सकती हैं। एक या दोनों आंखों में अचानक धुंधलापन, दोहरी दृष्टि या अंधेरा होना भी गंभीर लक्षण हो सकते हैं।

ब्रेन स्ट्रोक के मामले में हर मिनट कीमती है। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण नज़र आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या मरीज़ को अस्पताल ले जाएं। स्ट्रोक के शुरुआती 3 से 4.5 घंटे 'गोल्डन पीरियड' माने जाते हैं, जिसमें समय रहते इलाज से जान बच सकती है। हमारा शरीर हमसे बात करता है, हमें उसे सुनने की ज़रूरत है, ब्रेन स्ट्रोक होने से पहले कुछ स्पष्ट संकेत दिखाई देते हैं, उन्हें पहचानना और समय रहते प्रतिक्रिया देना जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर तय कर सकता है। जानकारी ही बचाव है, इसलिए जागरूक रहें, स्वस्थ रहें।