
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हालाँकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस दावे में कोई प्रत्यक्ष सत्य नहीं है। खड़े होकर पानी पीने की आदत का घुटनों पर कोई सीधा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। दरअसल, घुटनों के दर्द और क्षति के मुख्य कारण शरीर में वज़न बढ़ना, विटामिन की कमी और हड्डियों की मज़बूती से जुड़ी समस्याएँ हैं। इस लेख में हम इस मिथक और हक़ीक़त के बीच के अंतर को विस्तार से समझेंगे।
वैज्ञानिक रूप से, खड़े होकर पानी पीने से घुटनों पर कोई सीधा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। खड़े होकर पानी पीने से यह तेज़ी से पेट में जाता है, जिससे पाचन तंत्र पर थोड़ा दबाव पड़ सकता है। इससे पाचन प्रक्रिया थोड़ी असंतुलित हो सकती है।
वहीं दूसरी ओर, बैठकर पानी पीना स्वास्थ्य के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद माना जाता है। जब आप आराम से बैठकर पानी पीते हैं, तो यह शरीर से धीरे-धीरे गुज़रता है। इससे शरीर को पानी सोखने में मदद मिलती है, जिससे पाचन और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर हो सकता है। आयुर्वेद भी बैठकर पानी पीने की सलाह देता है, क्योंकि इससे शरीर के सभी अंगों तक पानी ठीक से पहुँचता है। और पढ़ें: घुटनों के दर्द और जोड़ों की समस्याओं के पीछे खड़े होकर पानी पीने के अलावा और भी कई कारण हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
शरीर का अतिरिक्त वजन: शरीर का बढ़ा हुआ वजन घुटनों पर अधिक दबाव डालता है, जो आगे चलकर घुटने के जोड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।
विटामिन और पोषक तत्वों की कमी: शरीर में विटामिन डी, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे घुटने और जोड़ों की समस्याएं हो जाती हैं।
शारीरिक गतिविधि: अत्यधिक खड़े रहना, भारी वजन उठाना और शारीरिक परिश्रम भी घुटने के दर्द का कारण बन सकता है।
वृद्धावस्था: जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हड्डियां और जोड़ कमजोर हो जाते हैं, जिससे घुटनों में दर्द होना आम बात है।
वैज्ञानिक अध्ययनों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि खड़े होकर पानी पीने से घुटनों को कोई नुकसान नहीं होता और न ही गठिया जैसी बीमारियाँ होती हैं। इसलिए, आप खड़े होकर या बैठकर पानी पी सकते हैं। सबसे ज़रूरी बात यह है कि आप पर्याप्त मात्रा में, साफ़ और सही समय पर पानी पिएँ, क्योंकि शरीर को हाइड्रेटेड रखना स्वास्थ्य के लिए सबसे ज़रूरी है।