Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज अपने परिवार के साथ श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे। राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त होने के बाद यह उनका अमृतसर का पहला दौरा था।
दरबार साहिब के दर्शन के दौरान उन्होंने गुरु घर में माथा टेककर सरबत्त दा भला की अरदास की और पूरे देश-दुनिया की शांति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
आत्मिक शांति का अनुभव
दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत में रामनाथ कोविंद ने कहा कि उन्हें दरबार साहिब में माथा टेकते हुए गहरी आत्मिक शांति और संतोष का अनुभव हुआ। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति रहते हुए भी उनकी इच्छा थी कि वे हरिमंदिर साहिब में हाजिरी लगाएं, और आज यह इच्छा पूरी होने पर वे गुरु साहिब के प्रति अत्यंत आभारी हैं।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "मैंने एक ही प्रार्थना की कि पूरे विश्व का भला हो। इसे कैसे होगा, मैंने गुरु साहिब पर छोड़ दिया।"
आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र
रामनाथ कोविंद ने यह भी कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि विश्वभर में आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति का केंद्र है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि गुरु किसी एक धर्म या समुदाय के नहीं, बल्कि पूरी मानवता के हैं।
दर्शन के बाद उन्होंने दुर्गियाना मंदिर में भी नतमस्तक होने का इरादा व्यक्त किया।
मानवता और विश्व शांति के लिए अरदास
रिटायरमेंट के बाद की इस पहली अमृतसर यात्रा को उन्होंने विशेष बताते हुए कहा कि उन्होंने पूरे विश्व की शांति, मानवता के कल्याण और समाज में सद्भाव के लिए अरदास की। उन्होंने यह भी कहा कि सब कुछ गुरु की रजा पर छोड़ दिया है।




