
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आगामी चुनावी मौसम से पहले भाजपा ने अपने संगठन को नया ऊर्जा और दिशा देने की तैयारी तेज कर दी है। इसी कड़ी में पार्टी ने कई जिलों में प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त किए हैं। खास बात यह है कि जिन वरिष्ठ नेताओं को संगठन में पहले खास भूमिका नहीं मिली थी, उन्हें अब प्रभारी बनाकर उनका राजनीतिक कद बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
जिले के नेताओं कुंदन लटवाल और गोविंद पिलख्वाल को प्रमुख जिलों का प्रभारी बनाया गया है। इनके प्रभारी बनने के पीछे कई राजनीतिक रणनीतियां भी देखी जा रही हैं।
ललित लटवाल, जो भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, को बागेश्वर जिले की कमान सौंपी गई है। संगठन में उनके लंबे अनुभव और युवाओं से जुड़ाव को देखते हुए यह नियुक्ति एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
वहीं, गोविंद पिलख्वाल, जो पहले दर्जाधारी रह चुके हैं, को पिथौरागढ़ जिले का प्रभारी बनाया गया है। पिलख्वाल की संगठन में जुझारू छवि रही है और पार्टी सीमांत जिले में उनकी पकड़ का लाभ उठाना चाहती है।
इसी क्रम में प्रदेश मंत्री गौरव पांडे को रानीखेत जिले का सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है। युवा और सक्रिय नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले पांडे की मौजूदगी से स्थानीय संगठन में संतुलन साधने की कोशिश की गई है।
कुंदन लटवाल और गोविंद पिलख्वाल के प्रभारी बनने के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। दोनों नेता पहले अल्मोड़ा विधानसभा से विधायक पद के उम्मीदवार भी रह चुके हैं। गौरव पांडे भी जागेश्वर विधानसभा से विधायक पद के लिए दावेदारी कर चुके हैं।
आने वाले डेढ़ साल में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में इन नेताओं को उनकी विधानसभा से दूर भेजने के राजनीतिक संकेत भी निकाले जा रहे हैं। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी का उद्देश्य जिलों में संगठन को मजबूत करना और बूथ स्तर तक सक्रियता बढ़ाना है।