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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश इस बार भीषण गर्मी से जूझ रहा है। अप्रैल और मई के महीनों में तापमान ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। कई जिलों में पारा 45 डिग्री से ऊपर पहुंच गया, वहीं बांदा में 16 मई को देश का सबसे अधिक तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी और झांसी जैसे शहरों में लू का कहर लगातार जारी रहा।

लेकिन इन तमाम चुनौतियों के बावजूद, प्रदेश में बिजली आपूर्ति पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। पावर कॉर्पोरेशन ने न सिर्फ तय शेड्यूल के अनुसार बिजली दी, बल्कि कई इलाकों में इससे ज्यादा आपूर्ति की गई, जिससे आम जनता को राहत मिली।

गांवों से लेकर शहरों तक बेहतर आपूर्ति

प्रदेश की चारों प्रमुख बिजली वितरण कंपनियां—पूर्वांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल और पश्चिमांचल—और कानपुर की केस्को कंपनी ने अप्रैल और मई 2025 में बिजली आपूर्ति के जो आंकड़े पेश किए, वो उम्मीद से बेहतर निकले।

ग्रामीण क्षेत्रों को औसतन 18.18 घंटे बिजली मिली, जबकि शेड्यूल था 18 घंटे।

तहसील मुख्यालयों में औसतन 21.32 घंटे बिजली दी गई, जबकि तय समय 21.30 घंटे था।

जिला मुख्यालयों में 23.45 घंटे बिजली आपूर्ति रही, जो 24 घंटे के लक्ष्य के काफी करीब है।

क्षेत्रवार बिजली आपूर्ति विवरण

पूर्वांचल: ग्रामीण—18.20 घंटे, तहसील—21.31 घंटे, जिला—23.49 घंटे

मध्यांचल: ग्रामीण—18.13 घंटे, तहसील—21.38 घंटे, जिला—23.51 घंटे

दक्षिणांचल: ग्रामीण—18.50 घंटे, तहसील—21.28 घंटे, जिला—23.52 घंटे

पश्चिमांचल: ग्रामीण—17.51 घंटे, तहसील—21.32 घंटे, जिला—23.26 घंटे

केस्को (कानपुर): जिला—23.26 घंटे

लोगों को मिली राहत

इन आंकड़ों से साफ है कि उत्तर प्रदेश के पावर कॉर्पोरेशन ने गर्मी के चरम समय में भी विद्युत आपूर्ति को प्राथमिकता दी। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर प्रमुख शहरों तक, बिना कटौती के लगातार बिजली देने की व्यवस्था ने जनता का विश्वास जीता है।