
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियां एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं। पिछले दो महीनों में यह चौथी बार है जब नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ा है। तीन हफ्ते पहले ही शहर ने बाढ़ की मार झेली थी और अब 62 मोहल्लों और 255 गांवों की करीब तीन लाख से ज्यादा आबादी पर फिर से संकट मंडराने लगा है।
36 घंटे में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा
पिछले 36 घंटे में गंगा का जलस्तर दो मीटर और यमुना का तीन मीटर तक बढ़ गया। इस वजह से करीब एक दर्जन मोहल्लों में पानी घुस चुका है। अब तक लगभग 450 घर डूब चुके हैं और इनमें रहने वाले करीब 1600 लोग बेघर हो गए हैं।
राजस्थान-उत्तराखंड की बारिश से बढ़ा संकट
प्रयागराज Flood Alert का बड़ा कारण राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश मानी जा रही है। चंबल, केन और बेतवा नदियों का पानी यमुना में आ रहा है, जिससे हालात बिगड़ गए हैं। वहीं, उत्तराखंड में हुई बारिश का पानी गंगा में पहुंचने से स्थिति और गंभीर हो गई है।
प्रशासन अलर्ट, छुट्टियां रद्द
मंगलवार सुबह गंगा का जलस्तर 80.82 मीटर और यमुना का जलस्तर 82.85 मीटर दर्ज किया गया। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। बाढ़ राहत चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं और आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। साथ ही बाढ़ राहत शिविरों को भी तैयार कर लिया गया है।
शाम से शरणालयों में पहुंचेंगे बाढ़ पीड़ित
एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह के अनुसार, मंगलवार शाम से प्रभावित लोग शरणालयों में पहुंचना शुरू कर देंगे। फिलहाल आधा दर्जन से ज्यादा राहत शिविर तैयार कराए गए हैं। प्रशासन लगातार जलस्तर की निगरानी कर रहा है। जानकारी के अनुसार, इस समय करीब आठ लाख क्यूसेक पानी गंगा और यमुना में आ रहा है।