
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन पहली बार जनता दर्शन का आयोजन किया। सुबह आठ बजे सर्किट हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने सीधे लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं।
इस मौके पर कुल 101 लोगों ने अपनी शिकायतें और मुद्दे मुख्यमंत्री के सामने रखे। समय की कमी के चलते कई लोग उनसे नहीं मिल पाए, लेकिन प्रशासन की ओर से भरोसा दिलाया गया कि उनके प्रार्थना पत्र भी मुख्यमंत्री तक पहुंचाए जाएंगे। बताया गया कि ऐसे लोगों की संख्या 150 से अधिक थी। मुख्यमंत्री ने हर समस्या को गंभीरता से सुना और अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।
अब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी दौरे पर आते थे, तो केवल जनप्रतिनिधियों और चुनिंदा व्यक्तियों से ही मुलाकात करते थे। लेकिन इस बार आम जनता को भी अपनी बात रखने का अवसर दिया गया। यह कदम पूर्वांचल के लोगों के प्रति मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता को दर्शाता है। लखनऊ में सीएम अक्सर जनता से सीधे संवाद करते रहे हैं, लेकिन पूर्वांचल में यह उनकी पहली जनसुनवाई थी।
जनता दर्शन के बाद मुख्यमंत्री गाजीपुर रवाना हुए, जहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने स्थिति का आकलन करने के बाद राहत कार्यों को तेज करने और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद वे लखनऊ लौट गए।
यह कार्यक्रम न सिर्फ वाराणसी बल्कि पूरे पूर्वांचल के लिए एक सकारात्मक संदेश है। जनता दरबार के माध्यम से सीएम ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुनने और उनका समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल सरकार और जनता के बीच दूरी कम करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
मुख्यमंत्री का मानना है कि योजनाओं और नीतियों का असली लाभ तभी मिलेगा, जब वह सीधे जनता तक पहुंचे। इस प्रकार की जनसुनवाई से न केवल लोगों का विश्वास बढ़ता है बल्कि सरकारी योजनाओं के सही तरीके से लागू होने की भी संभावना बढ़ जाती है।