
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती मामले में एक अहम आदेश देते हुए यह साफ कर दिया कि बरी हुए अभ्यर्थियों को नियमों के नाम पर नौकरी से वंचित नहीं किया जा सकता। जस्टिस जगमोहन बंसल ने कहा कि अगर कोई आरोपी अपराध में बरी हो गया है, तो उसे रोजगार से वंचित करना न्यायसंगत नहीं है।
याचिका में बताया गया कि सचिन जून ने 2015 में कॉन्स्टेबल के लिए आवेदन किया था। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 19 अगस्त 2020 को डीजीपी ने उन्हें 5वीं बटालियन, एचएपी, मद्हुबन में कॉन्स्टेबल नंबर आवंटित करने की सिफारिश की।
लेकिन मेडिकल और पुलिस सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि 04 जुलाई 2009 को बहादुरगढ़ थाना, झज्जर में उनके खिलाफ कुछ धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज थी। हालांकि, ट्रायल में सचिन 11 सितंबर 2012 को बरी हो चुके थे। इसके बावजूद 09 अप्रैल 2021 को विभाग ने उनका नियुक्ति पत्र रद्द कर दिया और इसे "मोरल टरपिट्यूड" के अंतर्गत रखा।
सचिन की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्होंने आवेदन और सत्यापन फॉर्म में पूरी जानकारी दी थी और बरी होने के कारण उनका मामला नियम 12.18(3)(C) के अंतर्गत आता है। अदालत ने "राकेश कुमार बनाम राज्य हरियाणा" (25 मार्च 2025) के फैसले का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि नियम की उप-धारा उन मामलों पर लागू होती है जहां आरोप साबित नहीं हुए और चार्जशीट चल रही हो, जबकि उप-धारा (C) बरी हुए मामलों के लिए है।
हाईकोर्ट ने पाया कि सचिन ने कोई जानकारी छिपाई नहीं थी और मामला पहले ही निपट चुका था। इसलिए उनके नियुक्ति पत्र को निरस्त करना गलत था। अदालत ने आदेश दिया कि सचिन को चार सप्ताह के भीतर ज्वाइन करने की अनुमति दी जाए। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बैक वेज या अन्य लाभ का दावा नहीं किया जा सकता। रिकॉर्ड में कोई भी मिलीभगत या अनुचित लाभ पाने का प्रमाण नहीं मिला।
अदालत ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि नियमों को केवल औपचारिक रूप से न लागू किया जाए और "मोरल टरपिट्यूड" की गलत व्याख्या न की जाए। साथ ही यह भी ध्यान दिलाया कि याचिकाकर्ता उस समय लगभग 18 वर्ष का था, जो निर्णय के मानवीय पहलू को और मजबूत करता है। यह फैसला युवा आरोपियों के पुनर्वास और समानता के सिद्धांत की पुष्टि करता है।
भविष्य में विभागीय स्तर पर सुधार की आवश्यकता है—जैसे सत्यापन प्रक्रिया को आधुनिक बनाना और आदेशों में स्पष्टता एवं पारदर्शिता लाना।