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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उनके 'भड़काऊ भाषण' से जुड़ा मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तारीख तय की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सुनवाई में क्या कुछ निकल कर आता है।

क्या था पूरा मामला?
दरअसल, यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से जुड़ा है। उस वक्त चुनाव प्रचार के दौरान मऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्बास अंसारी पर आरोप लगा था कि उन्होंने खुले मंच से पुलिस अधिकारियों को धमकाया था। उनका कहना था कि अगर उनकी पार्टी (सुभासपा) की सरकार बनती है, तो अधिकारियों का हिसाब लिया जाएगा।

अब्बास के इस बयान पर हंगामा मच गया था, और फौरन मऊ कोतवाली के एक सब-इंस्पेक्टर (दारोगा) की तरफ से अब्बास के खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की गई थी। इन धाराओं में IPC की धाराएं 171एफ (चुनाव में गलत प्रभाव डालना), 506 (आपराधिक धमकी), 504 (जानबूझकर अपमान करना जिससे शांति भंग हो) और 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी फैलाना) शामिल थीं।

कानूनी दांवपेंच और अदालत का सफर
इस FIR के बाद पुलिस ने अब्बास अंसारी के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र (चार्जशीट) भी दाखिल कर दिया था। इस मामले में अब्बास अंसारी ने पहले मऊ की MP-MLA कोर्ट और फिर सेशन कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन दोनों ही अदालतों से उन्हें राहत नहीं मिली। फिलहाल, अब्बास अंसारी इस मामले या इससे जुड़े अन्य मामलों में जेल में हैं।

अब, उन्होंने इस मामले को रद्द कराने या अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुहार लगाई है। हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। मंगलवार को जब यह मामला कोर्ट में आया, तो राज्य सरकार के वकील ने कुछ कागजात जमा करने के लिए और समय की मांग की, जिस पर कोर्ट ने सहमति जताते हुए अगली सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तारीख तय कर दी।

इस केस में अब सभी की निगाहें 30 जुलाई की सुनवाई पर टिकी हैं, जब यह देखा जाएगा कि क्या अब्बास अंसारी को इस 'भड़काऊ भाषण' मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई राहत मिलती है या उन्हें अभी भी लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।