
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आजकल ज़्यादातर लोग अपना पूरा दिन मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन के सामने बिताते हैं। काम का बोझ, ट्रैफ़िक की थकान और लगातार चिंता हमारी सेहत पर भारी पड़ रही है। अगर कोई आपसे कहे कि किसी हरे-भरे पार्क या पेड़ - पौधों से घिरे किसी इलाके में रोज़ाना सिर्फ़ 20 मिनट बिताने से आपकी ज़िंदगी बदल सकती है, तो शायद आपको यकीन न हो, लेकिन यह बिल्कुल सच है। प्रकृति में हमारे मन, शरीर और सोच को बेहतर बनाने की शक्ति है। वैज्ञानिक शोधों से यह साबित हो चुका है कि रोज़ाना कुछ समय पेड़ों, खुली हवा और धूप के बीच बिताने से कई फ़ायदेमंद बदलाव आते हैं और हम स्वस्थ रहते हैं। तो आइए जानते हैं कि कैसे किसी हरे-भरे पार्क में रोज़ाना 20 मिनट बिताने से आपकी ज़िंदगी बदल सकती है।
हर दिन हरे-भरे बगीचे में 20 मिनट बिताने के फायदे
- तनाव होगा दूर - जब आप किसी हरे-भरे बगीचे में बैठते हैं या पेड़-पौधों के बीच टहलते हैं, तो आपका मन अपने आप शांत हो जाता है। पत्तों की सरसराहट, ठंडी हवा और पक्षियों की चहचहाहट आपके मन को सुकून देती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सिर्फ़ 20 मिनट बाहर किसी हरी-भरी जगह पर बिताने से शरीर में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन कम हो जाते हैं।
- मूड रहेगा सकारात्मक - अगर आप रोज़ाना सुबह की हल्की धूप में थोड़ी देर बैठें या टहलें, तो आपको अच्छा महसूस होगा। धूप मस्तिष्क में सेरोटोनिन नामक रसायन का उत्पादन करती है, जिससे हमें खुशी और शांति का एहसास होता है। इसलिए, जब भी आप उदास महसूस करें, पार्क में थोड़ी देर टहलने से आपको अच्छा महसूस होगा।
- ध्यान और याददाश्त में होगा सुधार - दिन भर मोबाइल या कंप्यूटर पर काम करने से दिमाग थक सकता है। लेकिन अगर आप रोज़ाना 20 मिनट हरे-भरे वातावरण में बिताएँ, तो आपका दिमाग तरोताज़ा हो सकता है। इससे आपकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और रचनात्मक सोच में सुधार होता है। यह आदत बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है।
- बेहतर नींद आती है - अगर आपको रात में नींद आने में दिक्कत होती है या नींद आने में दिक्कत होती है, तो रोज़ाना किसी हरे-भरे पार्क में समय बिताने की आदत डालें। ताज़ी हवा, धूप और हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधियाँ आपके शरीर की नींद की प्रक्रिया को बेहतर बनाती हैं, जिससे रात में गहरी नींद आती है।
- अकेलापन कम होगा - प्रकृति में समय बिताने से आप दूसरे लोगों से जुड़ पाते हैं, चाहे वह आपके बगल में बैठा कोई बुज़ुर्ग हो या पार्क में खेल रहे बच्चे। ऐसे माहौल में लोग ज़्यादा खुले विचारों वाले होते हैं, ज़्यादा बातचीत करते हैं और सामाजिक रूप से जुड़ते हैं। इससे अकेलेपन और अवसाद की भावना भी कम होती है।
- आप फिट भी रहेंगे - प्रकृति में समय बिताने का मतलब सिर्फ़ बैठे रहना नहीं है। आप टहलने जा सकते हैं, योग कर सकते हैं, टहल सकते हैं या बच्चों के साथ खेल सकते हैं। ये सभी शारीरिक गतिविधियाँ आपके शरीर को सक्रिय रखती हैं। ताज़ी हवा और धूप आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मज़बूत बनाती हैं।