
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कानपुर (या इससे सटे क्षेत्र, संभवतः) में हुई जनसभा सुबह से ही जनसैलाब का गवाह बनी। हजारों की संख्या में लोग, चाहे मौसम कैसा भी हो, अपने प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने और उनके समर्थन में नारेबाजी करने पहुंचे। सुबह करीब आठ बजे हुई हल्की बारिश ने कुछ समय के लिए आयोजकों की चिंता बढ़ा दी, लेकिन थोड़ी ही देर में बारिश रुकते ही प्रशासन ने राहत की सांस ली। सुबह से ही खुशनुमन मौसम ने भाजपा कार्यकर्ताओं में भी उत्साह भर दिया था, जो 'मोदी-योगी' के समर्थन में नारे लगाते हुए, बस में सवार होकर विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से जुलूस की शक्ल में सभा स्थल तक पहुंचे। सेवापुरी, अजगरा और रोहनियां विधानसभाओं से अदिति पटेल, अखंड प्रताप सिंह और सुनील पटेल जैसे नेताओं के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं का जत्था यहां पहुंचा, जिसने 'हर-हर महादेव' के उद्घोष से पंडाल को गूंजायमान कर दिया।
विकास, उम्मीदें और कतारें: रैली का भावनात्मक रंग
प्रधानमंत्री के आगमन पर जनता में जबरदस्त उत्साह था। लोगों की आंखों में विकास और आशा की किरणें दिख रही थीं। कुछ लोगों के लिए यह किसान सम्मान निधि का मैसेज देखने और पैसे के अकाउंट में पहुंचने की चर्चा करने का मौका था, जो सीधे जनता से संवाद और सरकारी योजनाओं के प्रभाव को दर्शाता है। इसी बीच, महिलाओं के पर्स और लंच पैकेट की जिम्मेदारी पुरुषों ने बखूबी संभाली, जो सांस्कृतिक सामंजस्य की एक खूबसूरत मिसाल पेश कर रहा था। हालांकि, दिव्यांग लोगों को पंडाल में प्रवेश दिलाने में पुलिसकर्मी की संवेदनशीलता (गहरपुर निवासी दिव्यांग पप्पू को गोद में लेकर प्रवेश कराना) प्रशंसनीय थी, लेकिन अर्जुनपुर निवासी राजेश यादव जैसे लोग ट्राईसाइकिल के साथ बाहर ही खड़े रह गए, जो पहुंच और सुविधाओं में असमानता को उजागर करता है।
कार्यक्रम के बाद अव्यवस्था का आलम: यातायात जाम से लेकर सामग्री की लूट तक!
प्रधानमंत्री की जनसभा जैसे ही खत्म हुई, युवकों का एक समूह होर्डिंग-बैनर, कट-आउट और लोहे के गाटर तोड़कर लूटने की होड़ में लग गया, जो कार्यक्रम के आयोजन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। पार्किंग की अव्यवस्था एक बड़ी समस्या बनी रही, खासकर दो पहिया वाहनों के लिए, और बारिश के कारण कीचड़ से बचने के लिए पार्किंग स्थलों पर लोहे की चादरें बिछाई गई थीं। बारिश को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों सहित अन्य लोगों के लिए छाता की भी व्यवस्था की गई थी। प्रधानमंत्री की जनसभा के तुरंत बाद, बस के निकलने के साथ ही रेलवे क्रॉसिंग का गेट बंद हो जाने से सड़क पर घंटों तक यातायात जाम की स्थिति बनी रही, जिससे भीड़ को निकलने में काफी परेशानी हुई। सेवापुरी विधान सभा में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में विधायक की कमी भी खली, क्योंकि वे काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। इसके अतिरिक्त, सभा स्थल पर काले कपड़ों में आने वालों को सुरक्षा कारणों से प्रवेश से रोका गया, जिसने एक अलग रंग जमा दिया।