
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार की प्रारूप मतदाता सूची 2025 के प्रकाशन के बाद कई स्थानों से गंभीर त्रुटियों की खबरें आ रही हैं। कुछ जगहों पर तो मृतकों के नाम भी मतदाता सूची में शामिल कर लिए गए हैं। इस संदर्भ में जमुई विधानसभा क्षेत्र के कई मतदान केंद्रों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां मृतक व्यक्तियों के नाम फॉर्म भरने के बाद बूथ स्तर अधिकारी ने भी सत्यापन कर सूची में दर्ज कर दिए। नतीजा यह हुआ कि मृतक और दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाता सूची में जगह पा गए हैं।
भाकपा माले के युवा नेता बाबू साहब सिंह ने इस मामले को विशेष प्रेक्षक भारत खेड़ा के सामने उठाया। हालांकि, विशेष प्रेक्षक ने मृतक और दोहरी प्रविष्टि वाले नामों को हटाने की बात कही है, परन्तु दोषी अधिकारियों या व्यक्तियों के खिलाफ किसी कार्रवाई का अभी कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है। वहीं, कुछ बूथ स्तर अधिकारी इस गलती को मृतक के परिवार वालों की लापरवाही बता रहे हैं।
जमुई के सदर प्रखंड के मतदान केंद्र संख्या 85 में कौशर खातून का नाम है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, फिर भी उनका नाम सूची में मौजूद है। इसी प्रकार आमीन गांव के बूथ संख्या 86 में मरहूम असगर का नाम है। बरहट प्रखंड के मतदान केंद्र संख्या 260 की सूची में भी मृतक रफीक मियां के पुत्र इंताज मियां का नाम है, जो 2022 में निधन हो चुके हैं। साथ ही, इसी बूथ की सूची में जमीला खातून, अबुल मियां और मु. शनीफ के नाम भी शामिल हैं, जिनकी मौत हो चुकी है।
खैरा प्रखंड के केंडीह गांव में नरसिंह राम समेत आधा दर्जन मृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं। इसके अलावा, दोहरी प्रविष्टि की शिकायत भी सामने आई है, जहां एक ही व्यक्ति के नाम दो अलग-अलग मतदान केंद्रों की सूची में दर्ज हैं।
निर्वाचन पदाधिकारी सौरव कुमार ने बताया कि 2 सितंबर तक दावा-आपत्ति की प्रक्रिया जारी रहेगी। इस दौरान मृतक व्यक्तियों के परिवार वालों से प्राप्त आपत्तियों के आधार पर अंतिम मतदाता सूची में ऐसे नामों को हटा दिया जाएगा। हालांकि, जमुई जिला में अब तक किसी राजनीतिक दल ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है।
यह प्रारूप मतदाता सूची है, जो अंतिम नहीं है। दावे-आपत्तियां और साक्ष्यों के बाद सूची में संशोधन किया जाएगा।