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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जुलाई 2025 का महीना ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है। इस दौरान दो बड़े ग्रह – शनि और बृहस्पति – अपनी चाल में महत्वपूर्ण बदलाव करेंगे, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर अलग-अलग पड़ेगा।

सबसे पहले बात करते हैं शनि की। 13 जुलाई 2025 से शनि वक्री हो जाएंगे और 138 दिनों तक यानी 28 नवंबर 2025 तक वक्री अवस्था में रहेंगे। इस दौरान शनि की वक्री चाल कुछ राशियों के लिए परीक्षा की घड़ी साबित हो सकती है, वहीं कुछ लोगों के लिए यह समय नई संभावनाओं के द्वार खोल सकता है। खासकर तुला राशि वालों को शनि के वक्री होने का विशेष लाभ मिलने के संकेत हैं।

दूसरी ओर, देवगुरु बृहस्पति 11 जून को मिथुन राशि में अस्त हो चुके हैं और अब 9 जुलाई को पुनः उदित होंगे। बृहस्पति का यह परिवर्तन भी हर राशि के जीवन में किसी न किसी रूप में बदलाव लेकर आएगा। विवाह, शिक्षा, नौकरी और व्यापार जैसे क्षेत्रों में कुछ लोगों को विशेष अवसर प्राप्त हो सकते हैं।

ज्योतिष के अनुसार, बृहस्पति को ज्ञान, धर्म, धन और विवेक का प्रतीक माना जाता है, जबकि शनि को कर्म, न्याय, आयु और नौकरी से जोड़ा जाता है। यही कारण है कि इन दोनों ग्रहों की स्थिति बदलने से जीवन की दिशा भी प्रभावित होती है।

विशेष बात यह है कि जो लोग अपने कर्मों में ईमानदार रहते हैं और बुरे कार्यों से दूरी बनाए रखते हैं, उन्हें ग्रहों का सकारात्मक प्रभाव अधिक मिलता है। इसलिए इस समय का सदुपयोग करें और अच्छे कर्मों की राह पर चलें। जुलाई का यह महीना आपके लिए नई शुरुआत, आत्मचिंतन और आत्मविकास का अवसर बन सकता है।