
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर भारत के कई राज्यों में पिछले एक सप्ताह से जारी मूसलाधार बारिश के कारण गंगा और यमुना नदियां उफान पर हैं। दोनों नदियों का जलस्तर सोमवार सुबह नौ बजे तक 2013 के अपने उच्चतम रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब पहुंच गया है। विकराल रूप धारण कर चुकी इन नदियों का पानी शहर की कई दर्जन बस्तियों और सैकड़ों गांवों में फैल गया है, जिससे पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
61 बस्तियां और 275 गांव बाढ़ की चपेट में
प्रयागराज में बाढ़ का प्रकोप भयावह रूप ले चुका है। शहर की 61 बस्तियां और 275 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे लगभग पांच लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। करीब 80 हजार बाढ़ पीड़ितों को अपना घर छोड़ना पड़ा है और वे नौ हजार से अधिक लोग 19 बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य जारी
बाढ़ प्रभावितों को बचाने और उन्हें आवश्यक सहायता पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी बाढ़ राहत दल के 600 जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, लगभग 250 नावों और 30 मोटर बोट व स्टीमर का उपयोग किया जा रहा है। कमिश्नर, डीएम, एडीएम, एसडीएम और तहसीलदार सहित सभी प्रशासनिक अधिकारी सुबह से ही प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और राहत कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज दोपहर बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। वे राहत शिविरों के साथ-साथ बाढ़ से घिरे मोहल्लों का भी निरीक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को प्रयागराज का दौरा करेंगे और बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इसके बाद, वे सर्किट हाउस में एक बैठक करेंगे और राहत शिविरों में राशन सामग्री का वितरण भी करेंगे।
संचार व्यवस्था पर असर: बीएसएनएल के टावर बंद
बाढ़ का असर संचार व्यवस्था पर भी पड़ा है। जिन क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है, वहां लगे मोबाइल टावर भी प्रभावित होने लगे हैं। शहर के राजापुर, छोटा बघाड़ा और यमुनापार के मांडा रोड के पास लगे बीएसएनएल के तीन मोबाइल टावर पूरी तरह से बंद हो गए हैं। ये टावर बाढ़ से घिरे हुए हैं, जिसके कारण यहां बिजली आपूर्ति ठप है और डीजल से भी इन्हें चालू करना संभव नहीं है। इसके अलावा, 13 अन्य टावर भी हैं जहां बैटरी बैकअप केवल एक दिन से अधिक नहीं चल सकता। इन सभी उपकेंद्रों पर डीजल पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है ताकि संचार सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहें।
बीएसएनएल की ओर से राहत प्रयास
बीएसएनएल के जनसंपर्क अधिकारी आशीष गुप्ता ने बताया कि प्रधान महाप्रबंधक बीके सिंह ने सभी एसडीओ और अन्य अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। उन्होंने निर्देश दिया कि जहां बिजली कटी हुई है और टावरों तक पहुंचना संभव है, वहां डीजल का उपयोग करके टावरों को चालू रखा जाए, ताकि उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।