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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पड़ोसी देश बांग्लादेश में लगातार बिगड़ते राजनीतिक और सुरक्षा हालात का असर अब स्थानीय स्तर पर भी दिखने लगा है। हालात को गंभीरता से लेते हुए खुफिया एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। किसी भी संभावित खतरे को समय रहते समझने और उससे निपटने के लिए अब उन छात्रों की जानकारी जुटाई जा रही है, जो संभल जिले से बांग्लादेश जाकर पढ़ाई कर रहे हैं।

फिलहाल जिले के करीब 30 छात्र बांग्लादेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें एक छात्र ऐसा भी है, जो वहां रहकर दीनी तालीम हासिल कर रहा है। सुरक्षा एजेंसियों का उद्देश्य इन छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की चूक से बचना है।

हाल के दिनों में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय से जुड़े लोगों की हत्या और शव जलाने जैसी घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं के बाद देशभर में चिंता और आक्रोश का माहौल है। इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्कता बढ़ा रही हैं। इसी कड़ी में संभल से बांग्लादेश में रह रहे छात्रों की गतिविधियों को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। खुफिया पुलिस स्थानीय स्तर पर छात्रों के परिजनों से संपर्क कर रही है और जरूरी विवरण एकत्र कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक, संभल शहर के लगभग 30 छात्र बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा सिरसी क्षेत्र का एक छात्र वहां के मदरसे में रहकर धार्मिक शिक्षा ले रहा है। सुरक्षा एजेंसियां इन छात्रों के शिक्षण संस्थानों, रहने की जगह और अन्य विवरणों की जांच कर रही हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए विदेश में पढ़ रहे छात्रों पर नजर रखना आवश्यक माना जा रहा है।

एजेंसियों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी छात्र अनजाने में या किसी दबाव में किसी संदिग्ध गतिविधि का हिस्सा न बने। छात्रों के पते, पासपोर्ट से जुड़ी जानकारी, विदेश जाने का उद्देश्य और शिक्षा से संबंधित पूरा विवरण रिकॉर्ड में रखा जा रहा है। साथ ही परिजनों से भी अपील की गई है कि वे अपने बच्चों के संपर्क में रहें और किसी भी तरह की परेशानी या असामान्य गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें। फिलहाल किसी भी छात्र के खिलाफ कोई ठोस शिकायत सामने नहीं आई है, लेकिन बदले हालात को देखते हुए एहतियात बरती जा रही है।

25 नवंबर को 50 कश्मीरियों को भेजा गया था वापस

यह पहला मौका नहीं है जब जिले में सुरक्षा को लेकर सख्ती की गई हो। इससे पहले 25 नवंबर को संभल में काम कर रहे 74 कश्मीरी नागरिकों का सत्यापन कराया गया था। जांच के बाद दो मीट फैक्ट्रियों में निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात 50 युवकों को वापस कश्मीर भेज दिया गया था।

खुफिया विभाग की जांच में सामने आया था कि जिले की अलग-अलग फैक्ट्रियों, चीनी मिलों, मदरसों और मस्जिदों में जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों से आए लोग काम कर रहे थे। इनमें दो मीट फैक्ट्रियों में तैनात 50 सुरक्षा गार्ड, रजपुरा स्थित डीएसएम चीनी मिल में 16 मजदूर, मदरसों में सात शिक्षक, हयातनगर की एक मस्जिद में एक इमाम और नगर के एक महाविद्यालय में पढ़ने वाला एक बीए का छात्र शामिल था। इन सभी का सत्यापन किया गया था, ताकि जिले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किसी भी तरह का जोखिम न रहे।