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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आखिरकार लंबे इंतजार के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और 3 अन्य यात्रियों को लेकर Axiom-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो गया। मिशन को तय समय दोपहर 12.01 बजे लॉन्च किया गया। इससे पहले स्पेसएक्स ने घोषणा की थी कि आज यानी बुधवार को संभावित उड़ान के लिए मौसम 90 प्रतिशत अनुकूल है।

इस अंतरिक्ष मिशन के लिए परिवहन उपलब्ध करा रही स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "बुधवार को अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक्सिओम-स्पेस के एक्स-4 मिशन के प्रक्षेपण के लिए सभी प्रणालियां अच्छी दिख रही हैं और उड़ान के लिए मौसम 90% अनुकूल दिख रहा है।"

फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से होगा प्रक्षेपण  
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा, "नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथे निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन एक्सिओम मिशन 4 के प्रक्षेपण को लक्ष्य बना रहे हैं, जो आज, बुधवार, 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12.01 बजे होगा।" मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भरेगा। कंपनी के फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च करने के बाद, चालक दल नए स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर परिक्रमा प्रयोगशाला की यात्रा करेगा।

नासा ने अपने बयान में कहा कि लक्षित डॉकिंग का समय कल यानी गुरुवार को शाम 4.30 बजे के आसपास है। नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान की निदेशक पैगी व्हिटसन वाणिज्यिक मिशन का नेतृत्व करेंगी, जबकि इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे।

इसके अतिरिक्त, दो मिशन विशेषज्ञों में पोलैंड से ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) परियोजना अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्स्की-विस्निएव्स्की और हंगरी से एचयूएनओआर (हंगेरियन टू ऑर्बिट) अंतरिक्ष यात्री टिबोर कापू शामिल हैं।

इससे पहले भी कई बार एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग में देरी हो चुकी है, पहले खराब मौसम की वजह से और फिर स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में लीक की जांच और बाद में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के रूसी मॉड्यूल में खराबी की वजह से यात्रा को टालना पड़ा था। पहले इसे 29 मई को लॉन्च किया जाना था। फिर इसे 8 जून, 10 जून और 11 जून को टालना पड़ा।

जानिए शुभांशु शुक्ला को 
शुभांशु शुक्ला वायुसेना अधिकारी से अंतरिक्ष यात्री बने हैं। वे 2026 में भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में शामिल हुए। जहां वे वायुसेना में फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट बने। शुभांशु को 2 हजार घंटे से ज्यादा समय तक Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, डोनियर और हॉक जैसे विमान उड़ाने का अनुभव है।

सुभांशु ने वर्ष 2019 में इसरो गगनयान के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उन्हें चार अधिकारियों के साथ इसरो के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए चुना गया था। इसके बाद उन्होंने अंतरिक्ष में जाने के लिए रूस और बेंगलुरु में प्रशिक्षण लिया।

लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ से पूरी की। उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलोर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एम.टेक की डिग्री हासिल की है।