
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : महाकुंभ के लिए बनाए गए खास बजट से प्रयागराज में बनीं सैकड़ों सड़कों की हकीकत अब सामने आ गई है। जांच में खुलासा हुआ है कि इनमें से करीब 42 प्रतिशत सड़कों की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतर सकी। ये सड़कें बनने के कुछ ही महीनों में गड्ढों से भर गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है।
दरअसल, अप्रैल के आखिरी हफ्ते में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने इन सड़कों की गुणवत्ता को लेकर जांच के आदेश दिए थे। शिकायतों के आधार पर 103 सड़कों को चिन्हित किया गया और जांच के लिए 20 अधिकारियों की टीम गठित की गई। जांच में देरी के चलते अधिकारियों को और समय दिया गया, साथ ही दो अपर आयुक्तों और कुछ मजिस्ट्रेटों को भी जांच प्रक्रिया में जोड़ा गया।
अब जो रिपोर्ट तैयार हुई है, वह चौंकाने वाली है। नैनी, झूंसी, फाफामऊ और इनके आसपास के इलाकों की कई सड़कों के अलावा शहर की भी दर्जनों सड़कों की हालत खराब पाई गई है। ये सड़कें लोक निर्माण विभाग, प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) और नगर निगम ने मिलकर बनाई थीं। सभी निर्माण कार्य महाकुंभ के 1000 करोड़ रुपये के बजट से कराए गए थे।
सिर्फ सड़कें ही नहीं, बल्कि नालों, फुटपाथों और बिजली से जुड़े कार्यों में भी भारी अनियमितता उजागर हुई है। मंडलायुक्त ने स्पष्ट किया है कि जिन विभागों की लापरवाही सामने आई है, उनके खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।