
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कानपुर में आइआइटी स्टेशन से यात्रा करने वाले मेट्रो यात्री इन दिनों खासा परेशान और भ्रमित हो रहे हैं। मेट्रो ट्रेन में बैठते ही यात्रियों को सुनने को मिलता है कि "यह ट्रेन कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक जाएगी", जबकि हकीकत में ट्रेन अभी सेंट्रल स्टेशन तक नहीं जाती है। यात्रियों की परेशानी तब और बढ़ जाती है जब ट्रेन के अंदर लगी स्क्रीन भी डेस्टीनेशन के रूप में "कानपुर सेंट्रल" दिखाती है।
असल में अभी कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो सेवा की शुरुआत नहीं हुई है। इस सेवा का उद्घाटन अभी होना बाकी है। फिर भी आधी ट्रेनों में सेंट्रल स्टेशन तक जाने की व्यवस्था और उद्घोषणा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी है। इससे यात्री लगातार भ्रमित हो रहे हैं।
कानपुर सेंट्रल के आगे नहीं बनी सुरंग
सेंट्रल स्टेशन के आगे मेट्रो की सुरंग निर्माण अभी अधूरा है। यहां अभी क्रासबार नहीं लगा है, जिससे ट्रेन एक सुरंग से दूसरी सुरंग में जाकर ट्रैक बदल सके। इस तकनीकी वजह से ट्रेन मजबूरन मोतीझील स्टेशन तक उसी सुरंग से लौटती है जिससे वह गई थी।
24 अप्रैल से योजना थी कि एक ट्रेन मोतीझील से वापस आइआइटी लौटेगी, जबकि दूसरी ट्रेन कानपुर सेंट्रल की दिशा में एक सुरंग से जाएगी और तीसरी फिर आइआइटी लौटेगी। चौथी ट्रेन दूसरी सुरंग से सेंट्रल तक जाएगी। ट्रेन संचालन में देरी के कारण, जो उद्घोषणाएं और स्क्रीन डिस्प्ले पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार सेट किए गए थे, वही अब यात्रियों की परेशानी का सबब बन गए हैं।
कानपुर मेट्रो प्रशासन को जल्द इस तकनीकी समस्या का समाधान कर यात्रियों को स्पष्ट सूचना प्रदान करनी होगी, ताकि भ्रम की स्थिति से बचा जा सके।