
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कानपुर मेट्रो के बारादेवी से नौबस्ता तक पांच किलोमीटर के सेक्शन में सिग्नल लगाने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। अब इस रूट पर सिग्नलिंग सिस्टम की टेस्टिंग की तैयारियां जोरों पर हैं। ट्रेन रेडियो एक्सेस एंटीना भी सभी स्टेशनों पर स्थापित कर दिए गए हैं, जिससे ट्रेन ऑपरेशन कंट्रोल रूम और लोको पायलट के बीच वायरलेस संवाद संभव होगा।
इस सेक्शन में बारादेवी, किदवई नगर, वसंत विहार, बौद्ध नगर और नौबस्ता स्टेशन शामिल हैं। यहां ट्रैक, थर्ड रेल, इलेक्ट्रिकल, टेलीकॉम और तकनीकी कक्षों का निर्माण तेजी से हो रहा है।
बारादेवी स्टेशन पर आठों सिग्नल पूरी तरह इंस्टॉल किए जा चुके हैं। किदवई नगर, वसंत विहार और बौद्ध नगर में भी दो-दो सिग्नल लगाए जा चुके हैं। नौबस्ता स्टेशन पर 10 में से 7 सिग्नल लग चुके हैं, बाकी तीन सिग्नल ट्रैक का काम पूरा होते ही लगाए जाएंगे।
मेट्रो प्रबंध निदेशक सुशील कुमार के अनुसार, अब पिको टेस्टिंग की शुरुआत होगी जिसमें वायरिंग और कनेक्शन की गड़बड़ियों की जांच की जाएगी।
सिग्नल का मतलब क्या होता है?
मेट्रो की मुख्य लाइन पर तीन रंगों के सिग्नल लगाए जाते हैं—लाल, बैंगनी और हरे।
लाल का मतलब ट्रेन को रुकना है।
बैंगनी का संकेत है कि ट्रेन धीमी गति से आगे बढ़ सकती है।
हरा बताता है कि रास्ता साफ है और ट्रेन अपनी पूरी रफ्तार से चल सकती है।