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केजरीवाल की मुश्किलों में इजाफा, एलजी ने की NIA जांच की सिफारिश

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नई दिल्ली। दिल्ली के आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामला बेहद पेंचीदा होता जा रहा है। इस मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के  मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुश्किलों में इजाफा होता जा रहा है। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है। बताते चलें कि जहां मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आप संयोजक की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही है।

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश प्रतिबंधित आतंकी संगठन 'सिख फार जस्टिस' से आप द्वारा कथित तौर पर राजनीतिक चंदा दिए जाने को लेकर की है। उपराज्यपाल को कथित तौर पर शिकायत मिली थी कि आप को खालिस्तानी आतंकी देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर की रिहाई में सहायता करने और खालिस्तान समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए चरमपंथी खालिस्तानी समूहों से 134 करोड़ रुपये चंदे के तौर पर मिले थे।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है कि यह गंभीर आरोप मुख्यमंत्री के खिलाफ हैं। देश में प्रतिबंधित आतंकी संगठन से किसी राजनीतिक दल को फंडिंग से संबंधित हैं। इसलिए शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत इलेक्ट्रानिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच कराया जाना आवश्यक है।

उपराज्यपाल के पास विश्व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव आशु मोंगिया की शिकायत आई थी, जिसमें कहा गया था कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2014 से 2022 के बीच खालिस्तानी आतंकी समूहों से 133 करोड़ रुपए लिए थे। आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों का खंडन किया है।

इस मामले में आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि चुनावी मौसम में उपराज्यपाल हेडलाइन बनाने की कोशिशें कर रहे हैं। ये उपराज्यपाल के संविधानिक कार्यालय का दुरुपयोग है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग करने वाली एक याचिका को दो साल पहले हाईकोर्ट खारिज कर चुका है। 
 

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