
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष, जो प्राचीन पिपरहवा (कपिलवस्तु) से प्राप्त हुए हैं, बुधवार से रूस के काल्मिकिया में प्रदर्शित किए जाएंगे। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य करेंगे।
अवशेष लेकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को रूस के लिए रवाना होगा। इससे पहले सोमवार को उपमुख्यमंत्री के आवास पर राज्यभर से आए बौद्ध भिक्षुओं ने इस प्रदर्शनी की पहल करने और केशव प्रसाद मौर्य को प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
केशव प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर कहा कि भगवान बुद्ध पूरी मानवता के लिए भारत की अमूल्य धरोहर हैं। उनका दर्शन, जो करुणा, दया और शांति पर आधारित है, समाज को सह-अस्तित्व और भाईचारे का संदेश देता है।
उन्होंने कहा, “सम्राट अशोक ने जिस बौद्ध धारा के माध्यम से दक्षिण-पूर्व और मध्य एशिया में ज्ञान का प्रकाश फैलाया, उसी विरासत को प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक मंच पर आगे बढ़ा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासंघ में भी कहा था कि दुनिया को भारत ने बुद्ध दिया, युद्ध नहीं दिया। भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की पूर्व में थाईलैंड और वियतनाम में भी प्रदर्शनी आयोजित की जा चुकी है, जिससे इन देशों के साथ राजनीतिक और आध्यात्मिक संबंध दोनों मजबूत हुए हैं।
इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य वैश्विक शांति और सद्भाव का संदेश फैलाना और भगवान बुद्ध के शिक्षाओं—करुणा, अहिंसा और शांति—को विश्वभर में साझा करना है। पिपरहवा से प्राप्त ये अवशेष पुरातात्विक रूप से प्रमाणित हैं और वैश्विक बौद्ध समुदाय के लिए अत्यंत पूजनीय हैं।
काल्मिकिया क्षेत्र में बौद्ध धर्म सिर्फ एक धर्म नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। यहां बौद्ध जनसंख्या विशेष रूप से अधिक है, और ये प्रदर्शनी वहां के लोगों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में भंते शील रतन ने कहा कि समाज इस प्रदर्शनी के लिए बहुत उत्साहित और प्रसन्न है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार जताया और कहा कि उनके प्रयासों से रूस में महात्मा बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी सफल हो रही है। इस अवसर पर आनंद द्विवेदी, विजय मौर्य और राम निवास यादव सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।