
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ के पानी के धीरे-धीरे कम होने से जनपद के लोगों को राहत मिली है। जलस्तर में तेजी से गिरावट आने पर बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं। हालांकि, बाढ़ का पानी जाने के बाद इलाके में फैली गंदगी और कीचड़ अब भी परेशानी का कारण बनी हुई है। स्थानीय लोगों ने जल्द सफाई अभियान चलाने की मांग उठाई है।
जलस्तर कम होने के कारण सभी शरणालय अब बंद हो चुके हैं। बाढ़ प्रभावित लोग अब अपने घरों में लौट चुके हैं। पिछले सोमवार से तेज बहाव में आई दोनों नदियां गुरुवार शाम तक खतरे के निशान पर पहुंच गई थीं, लेकिन रात में धीरे-धीरे घटने लगीं। शुक्रवार और शनिवार को जलस्तर बहुत धीमी गति से घट रहा था, मगर अब इसमें तेजी आ गई है।
अब तक गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर लगभग दो मीटर कम हो गया है, जिससे जलमग्न मकानों से पानी बाहर निकल गया। बाढ़ से 31 मोहल्ले और 62 गांव प्रभावित हुए थे। कई गलियां और सड़कों में पानी भर गया था। निचले इलाकों में तो लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ा था। अब शहर के ज्यादातर इलाके सामान्य स्थिति में लौट रहे हैं।
गुरुवार रात गंगा का जलस्तर 84.44 मीटर और यमुना का जलस्तर 84.15 मीटर तक पहुंचा था। रविवार रात तक गंगा का जलस्तर 82.52 मीटर और यमुना का जलस्तर 82.09 मीटर पर आ गया। बाढ़ के समय छह शरणालय संचालित किए गए थे, जिनमें कुल 2605 लोग पहुंचे थे। पानी कम होने के साथ शनिवार से ही लोग अपने घरों को लौटने लगे थे।
शनिवार शाम को एक शरणालय बंद हुआ और रविवार तक सभी शरणालय बंद हो गए। सबसे अंतिम में कैंट मैरिज हाल, सदर बाजार कैंट का शरणालय भी बंद कर दिया गया। वहीं, प्रभावित इलाकों में बाढ़ के पानी के बाद फैली कीचड़ और गंदगी से लोग परेशान हैं। उन्होंने प्रशासन से सफाई अभियान शुरू करने की मांग की है।
एसडीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि शरणालयों से लोग अपने घर लौट चुके हैं। सभी शरणालय छह दिन तक संचालित रहे। सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता डीएन शुक्ला ने बताया कि अब दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से नीचे आ रहा है। अनुमान है कि अगले एक दिन में जलस्तर और दो मीटर कम हो जाएगा।