
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में ज़्यादातर लोग जल्दी वज़न कम करना चाहते हैं। जल्दी नतीजे पाने के लिए लोग क्रैश डाइट का सहारा लेते हैं। यानी बेहद कम कैलोरी वाला आहार लेते हैं। सोशल मीडिया और फिटनेस ट्रेंड्स इसे ज़्यादा महत्व देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह डाइट प्लान आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है?
ऊर्जा के स्तर में भारी गिरावट: क्रैश डाइटिंग से शरीर को पर्याप्त कैलोरी और पोषण नहीं मिल पाता, जिससे ऊर्जा का स्तर गिर जाता है। आप हर समय थका हुआ महसूस करते हैं और किसी भी काम में मन नहीं लगता।
चयापचय धीमा हो जाता है.
मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है: जब शरीर को पर्याप्त भोजन नहीं मिलता, तो वह "सेव मोड" में चला जाता है और मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है। इससे वज़न कम करना और भी मुश्किल हो जाता है।
हार्मोनल असंतुलन: अत्यधिक डाइटिंग से शरीर में हार्मोनल संतुलन बिगड़ सकता है, जिसके कारण महिलाओं को मासिक धर्म संबंधी समस्याओं और मूड स्विंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली: जब शरीर को ज़रूरी पोषण नहीं मिलता, तो प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो जाती है। इससे बार-बार बीमार पड़ने और जल्दी संक्रमण की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है।
मांसपेशियों की समस्या: वज़न तेज़ी से घटता है, लेकिन चर्बी के साथ-साथ मांसपेशियां भी पिघलने लगती हैं। इससे शरीर की ताकत कम हो जाती है और शरीर कमज़ोर महसूस करने लगता है।
वज़न बढ़ने का ख़तरा: क्रैश डाइट से वज़न कम होने का असर ज़्यादा देर तक नहीं रहता। जैसे ही आप सामान्य रूप से खाना शुरू करते हैं, वज़न तेज़ी से वापस बढ़ जाता है।