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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कपूरथला की थेह कांजला स्थित मॉडर्न जेल में मोबाइल फोन मिलने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। जेल पुलिस द्वारा समय-समय पर तलाशी अभियान चलाने के बावजूद, कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से मोबाइल और सिम कार्ड कैदियों और हवालातियों तक पहुंच रहे हैं। यह स्थिति जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है, खासकर तब जब वहां 13 जैमर भी लगाए गए हैं।

जेल में मोबाइल की मौजूदगी का एक बड़ा असर यह है कि इससे नशे का नेटवर्क संचालित हो रहा है। कैदी जेल से बाहर अपने गैंग से संपर्क में बने रहकर नशे की सप्लाई को नियंत्रित कर रहे हैं। बीते एक महीने में करीब 50 मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैं, जिससे इस खतरे की गंभीरता और अधिक स्पष्ट होती है।

रविवार को चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान दो हवालातियों से तीन मोबाइल फोन बरामद हुए। जेल प्रबंधन ने तुरंत इन मोबाइलों को कब्जे में लेकर उच्च अधिकारियों और कोतवाली थाना पुलिस को सूचित किया। इसके बाद दोनों हवालातियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।

जेल के सहायक सुपरिटेंडेंट सुरिंदरपाल सिंह का कहना है कि कुछ पुलिस कर्मचारी खुद ही इन गतिविधियों में संलिप्त हैं। इनकी पहचान और गिरफ्तारी के लिए कुछ स्टाफ को सिविल ड्रेस में ड्यूटी पर लगाया गया है। हालांकि जेल में सभी जैमर काम कर रहे हैं, लेकिन फिर भी मोबाइल के मिलने की घटनाएं प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती हैं।

कभी सुरक्षा के लिए आदर्श माने जाने वाली मॉडर्न जेल अब अपराधियों के लिए एक 'कम्युनिकेशन हब' बनती जा रही है। जेल मंत्री की सख्ती के बावजूद मोबाइल जेल के भीतर कैसे पहुंच रहा है, यह सोचने और जांचने का विषय है।

जेल प्रशासन ने पहले सभी 13 जैमर लगाए थे, जिससे कुछ समय के लिए मोबाइल की गतिविधियां थम गई थीं। लेकिन कैदियों ने इन जैमरों की तारें निकालकर उन्हें निष्क्रिय कर दिया। अब उनमें से 9 जैमर फिर से सक्रिय किए जा चुके हैं, बावजूद इसके मोबाइल का इस्तेमाल जारी है।

यदि यह सिलसिला नहीं रुका, तो न केवल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगेगा, बल्कि यह भी स्पष्ट होगा कि अंदर से ही कोई बड़ा समर्थन इन गतिविधियों को संरक्षण दे रहा है।