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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड में इस समय मानसून की बारिश ने पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लिया है। खासतौर पर कुमाऊं क्षेत्र में मूसलाधार बारिश ने लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है। बारिश की वजह से पहाड़ों में लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

बदरीनाथ और केदारनाथ जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों की ओर जाने वाले मार्गों पर कई जगहों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे यातायात बाधित हो गया है। वहीं मैदानी इलाकों में भी रुक-रुककर हल्की और मध्यम बारिश हो रही है, जिससे तापमान में अचानक गिरावट देखी जा रही है।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बृहस्पतिवार को बागेश्वर, नैनीताल और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इन इलाकों के लिए आरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं देहरादून, टिहरी, चमोली, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में भी गरज-चमक के साथ तेज बारिश की संभावना है।

राजधानी देहरादून में बुधवार सुबह से ही बादलों का डेरा रहा और दोपहर करीब 12 बजे के आसपास बारिश शुरू हुई, जो लगभग एक घंटे तक चली। इस दौरान कहीं-कहीं तेज हवाओं के झोंके भी महसूस किए गए।

बारिश की वजह से राज्य के अधिकतर इलाकों में तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक कम हो गया है। दिन और रात के तापमान में बहुत अधिक फर्क नहीं रह गया है।

उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र में सबसे अधिक 85 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जबकि चकराता और चारधाम क्षेत्रों में भी झमाझम बारिश हुई। लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी रास्तों पर भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं और चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

स्थिति को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में है और यात्रियों से अपील की जा रही है कि वे मौसम की ताजा जानकारी लेकर ही यात्रा पर निकलें।