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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : गोरखपुर एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने जा रहा है, क्योंकि भारत की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु यहां आने वाली छठीं राष्ट्राध्यक्ष बन गई हैं। इससे पहले पांच राष्ट्रपतियों ने गोरखपुर की धरती पर कदम रखा था।

इनमें भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, 11वें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, 12वीं राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल और 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नाम शामिल है।

डॉ. कलाम का गोरखपुर से गहरा जुड़ाव रहा। वे विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो. रेवती रमण पांडेय के निमंत्रण पर आए थे और छात्रों से 'विजन 2020' पर सीधा संवाद किया था। उसी दौरान उन्होंने मगहर जाकर संत कबीर की निर्वाण स्थली पर जाने की इच्छा जताई, जिसे तत्काल प्रशासन ने पूरा किया। इसके बाद, फरवरी 2011 में भी वे एक बार फिर यहां आए और छात्रों से 'विज्ञान और प्रकृति' के संरक्षण पर संवाद किया।

पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल मार्च 2009 में गोरखपुर स्थित वायुसेना केंद्र आईं और 105 हेलिकॉप्टर यूनिट व 108 स्क्वाड्रन को 'प्रेसिडेंशियल स्टैंडर्ड्स' से सम्मानित किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का गोरखपुर से संबंध और भी गहरा रहा। वे तीन बार यहां आए। पहली बार दिसंबर 2018 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह में, फिर अगस्त 2021 में आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने और गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्घाटन करने, और तीसरी बार जून 2022 में गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के उद्घाटन में।

अब इस गौरवशाली क्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का नाम भी जुड़ गया है। यह न केवल गोरखपुर के लिए गर्व की बात है बल्कि यह शहर एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है।