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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारतीय परंपरा में उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन माना जाता है। विशेष रूप से सफेद रंग का उल्लू बहुत शुभ संकेत का प्रतीक समझा जाता है। हाल ही में वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ धाम में ऐसा ही दिव्य दृश्य देखने को मिला, जब बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह के स्वर्ण शिखर पर एक सफेद उल्लू बैठा दिखाई दिया।

यह अनोखा दृश्य सोमवार देर रात करीब 10 बजे सामने आया। मंदिर ट्रस्ट के सीईओ विश्व भूषण मिश्र ने इस घटना की जानकारी अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा की और इसे शुभ संकेत बताया। उन्होंने लिखा कि "शयन आरती के बाद बाबा के शिखर पर श्वेत उल्लू दिखाई दिया है, जिसे परंपरागत रूप से शुभ माना जाता है। श्री काशी विश्वनाथो विजयतेतराम।" वहीं मंदिर के पीआरओ आनंद शुक्ला ने पुष्टि की कि यह फोटो उन्होंने ही खींचा था। हालांकि सुबह तक वह उल्लू वहां से जा चुका था।

भक्तों ने उल्लू की इस उपस्थिति को मां लक्ष्मी के आशीर्वाद और बाबा की कृपा का प्रतीक माना। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सफेद उल्लू को समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का द्योतक माना जाता है। इस घटना से श्रद्धालुओं की आस्था और गहरी हो गई और उनके बीच यह चर्चा का विषय बन गई।

श्री काशी विश्वनाथ धाम हिन्दू धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां रोजाना हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं। यहां होने वाली ऐसी अद्भुत घटनाएं भक्तों के विश्वास को और मजबूत करती हैं तथा समाज में सकारात्मकता, एकता और भाईचारे का संदेश भी देती हैं।

इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि धार्मिक स्थलों पर होने वाले ऐसे दिव्य संकेत न केवल आस्था को बढ़ाते हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी उजागर करते हैं। काशी विश्वनाथ धाम में सफेद उल्लू का दिखना भक्तों के लिए नई ऊर्जा और उम्मीद का संदेश लेकर आया है।