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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड सरकार आने वाले दिनों में राज्य की पर्यटन सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए रोपवे परियोजनाओं पर तेजी से काम शुरू करने जा रही है। पर्यटन विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राज्य भर में लगभग 50 रोपवे परियोजनाओं को चिन्हित किया है। इन परियोजनाओं के कुशल क्रियान्वयन के लिए पर्यटन विभाग और NHAI की सहायक कंपनी नेशनल हाइवेज लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) के तहत एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV), उत्तराखंड रोपवेज डेवलपमेंट लिमिटेड का गठन किया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने इसके लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है।

यह सभी रोपवे परियोजनाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत बनाई जाएंगी। इस SPV के गठन से रोपवे परियोजनाओं का निर्माण तेज़ी से संभव होगा, जिससे पर्यटन और तीर्थाटन क्षेत्र को विशेष लाभ मिलेगा। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए आवागमन की सुविधा बेहतर होगी।

तपोवन-कुंजापुरी रोपवे के लिए बार्थोलेट देगी तकनीकी सलाह

राज्य में पर्यटकों की बढ़ती संख्या और मांग को देखते हुए रोपवे निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों से तकनीकी परामर्श लेने का फैसला किया गया है। इसी कड़ी में विश्व प्रसिद्ध बार्थोलेट कंपनी के साथ तकनीकी सलाह के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस कंपनी से तपोवन (ऋषिकेश) से कुंजापुरी (नरेंद्रनगर) के बीच प्रस्तावित रोपवे परियोजना के डिजाइन, पर्यवेक्षण और निर्माण संबंधित विभिन्न पहलुओं पर तकनीकी सलाह ली जाएगी। परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।

स्वजल कर्मियों को मिली राहत

इसके अलावा, कैबिनेट ने स्वजल परियोजना में काम करने वाले कर्मियों को नियमित वेतन देने का भी फैसला किया है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तहत संचालित राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन और स्वजल परियोजना प्रबंधन इकाई के कर्मचारियों को 1 मार्च 2021 से 31 मार्च 2026 तक नियमित वेतन मिलेगा। इससे स्वजल कर्मियों को वेतन संबंधी समस्याओं से राहत मिलेगी।