
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंचकेदारों में शामिल तुंगनाथ धाम इस साल भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। अब तक 1.10 लाख से अधिक यात्री यहां दर्शन कर पुण्य प्राप्त कर चुके हैं। बरसात के बाद मौसम के अनुकूल होने के साथ ही यात्रियों की संख्या में तेज़ी से इजाफा हो रहा है। यात्रा अभी एक माह शेष है, इसलिए आने वाले समय में संख्या और बढ़ने की पूरी उम्मीद है।
तुंगनाथ मंदिर, जो समुद्र तल से लगभग 3,680 मीटर की ऊंचाई पर चंद्रशिला की तलहटी में स्थित है, दर्शनों के लिए अद्वितीय स्थल है। जुलाई और अगस्त में राज्य के विभिन्न हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदाओं के कारण तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट आई थी। लेकिन अब मौसम सुहावना होने के कारण प्रतिदिन 500 से 1,000 यात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं।
मंदिर के कपाट 6 नवम्बर को बंद होने वाले हैं। यह समय यात्रियों की संख्या में और बढ़ोतरी लाएगा। तीर्थयात्रा की बढ़ती गति से न केवल तुंगनाथ धाम बल्कि पूरी तुंगनाथ घाटी के पड़ावों पर भी रौनक लौट आई है। स्थानीय पर्यटन और तीर्थाटन व्यवसाय में भी यह बढ़ोतरी साफ दिखाई दे रही है। साथ ही मंदिर समिति की आय में भी सुधार हो रहा है।
शांत पर्वतीय वादियों में भगवान तुंगनाथ के दर्शन करने के साथ श्रद्धालु चंद्रशिला शिखर की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता का आनंद भी ले रहे हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस वर्ष की यात्रा अब तक का नया रिकॉर्ड बना सकती है।
मंदिर प्रबंधक बलवीर नेगी के अनुसार, अब तक 53,323 पुरुष, 46,577 महिलाएं, 10,064 बच्चे, 312 साधु-संत और 23 विदेशी यात्री तुंगनाथ धाम पहुंच चुके हैं। उन्होंने बताया कि जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून सक्रिय होने और नंदप्रयाग, छेनागाड़ व देहरादून क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के कारण यात्रा प्रभावित रही थी। अक्टूबर के पहले सप्ताह से मौसम खुशनुमा होने के बाद तीर्थयात्रियों की आवाजाही लगातार बढ़ रही है।
मंदिर समिति के सदस्य चंद्रमोहन बजवाल ने कहा कि चोपता से सीधे चंद्रशिला शिखर तक जाने वाले पर्यटक समिति के आंकड़ों में शामिल नहीं हैं, क्योंकि कई यात्री केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने वहां पहुंचते हैं।