img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड ने निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए एक अनोखी पहल की है। राज्य के भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने अपने ऑनलाइन लेबर सेस मैनेजमेंट पोर्टल के माध्यम से श्रमिक कल्याण में पारदर्शिता और कार्यकुशलता का नया मानक स्थापित किया है।

इस पोर्टल की सफलता को देखते हुए केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने इसे मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में मान्यता दी है। अब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडू और पंजाब जैसे राज्य उत्तराखंड के तकनीकी सहयोग से इसी तरह का पोर्टल विकसित कर रहे हैं। अन्य कई राज्य भी इस पहल को अपनाने के लिए उत्तराखंड से संपर्क कर चुके हैं।

राज्य में निर्माण कार्य करने वाली एजेंसियां और ठेकेदार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड योजना के तहत कुल लागत का 1% लेबर सेस के रूप में जमा करते हैं। यह राशि सीधे श्रमिक कल्याण के कामों में खर्च होती है।

पहले यह प्रक्रिया ऑफलाइन चलती थी, जिससे कई तरह की गड़बड़ियों की शिकायतें आती थीं। अब पोर्टल के लागू होने से न केवल लेबर सेस की वसूली आसान हुई है, बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और समय पर निगरानी भी सुनिश्चित हुई है।

इस पोर्टल का निर्माण 2020-21 में शुरू हुआ और इसे एचडीएफसी बैंक के CSR प्रोग्राम के सहयोग से डिजिटल रूप दिया गया। अब एक साल में राजस्व में 60% की बढ़ोतरी हुई और 10,000 से अधिक प्रतिष्ठानों ने पंजीकरण कराया।

श्रमायुक्त पीसी दुम्का ने बताया कि उत्तराखंड की इस पहल को अन्य राज्यों में भी लागू करने की अनुमति मिल चुकी है। पंजाब, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में इसका विकास तेजी से हो रहा है और जल्द ही अन्य राज्य भी इस प्रणाली को अपनाएंगे।