Prabhat Vaibhav,Digital Desk : नगर के एनएच–727 मुख्य मार्ग पर रत्नमाला इलाके के पास धोबी घाट तालाब की कीमती जमीन पर अतिक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन राजस्व विभाग की है, लेकिन भू-माफिया इसे मिट्टी से भरकर धीरे-धीरे प्लॉटिंग और निर्माण की तैयारी कर रहे हैं।
हालांकि, जिम्मेदार विभाग—अंचल कार्यालय और नगर परिषद—एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। अंचलाधिकारी नर्मदा श्रीवास्तव का कहना है कि यह नगर परिषद का मामला है, जबकि नगर परिषद प्रशासन का कहना है कि यह जमीन अंचल के अधिकार क्षेत्र में आती है। इस खींचतान का फायदा अतिक्रमण करने वालों को मिल रहा है, और वे खुलेआम कब्जा कर रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि राजस्व विभाग समय-समय पर बड़े दावे करता है कि सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा, लेकिन जमीन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। कई क्षेत्रों में प्राथमिकी और रोक के बावजूद भवन निर्माण शुरू हो गया है। यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो धोबी घाट तालाब पूरी तरह खत्म हो सकता है, जिससे पर्यावरण और जल संरक्षण को भी नुकसान होगा।
नगरवासियों ने अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अतिक्रमण की गई जमीन को तुरंत मुक्त कराया जाए, अन्यथा वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सरोज कुमार बैठा ने बताया कि सूचना मिलने पर अमीन को स्थल पर भेजा गया और अतिक्रमण रोकने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं करने दिया जाएगा।
अब यह देखना बाकी है कि अंचल और नगर परिषद के बीच चल रहे अधिकार विवाद का समाधान कब होगा और धोबी घाट तालाब की जमीन को पूरी तरह सुरक्षित किया जा सकेगा।




